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कुरुक्षेत्र होगा 21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण का केंद्र, 25 साल पहले की यादें होंगी ताजा
भारत में 21 जून को लगने वाले पहले सूर्य ग्रहण का केंद्र हरियाणा का कुरुक्षेत्र होगा. आइये जानें उस तथ्य को जो 25 वर्ष पहले यहाँ घटी थी.
Solar Eclipse on June 21: इस साल का पहला सूर्यग्रहण 21 जून दिन रविवार यानी की कल लगने जा रहा है. यह सूर्यग्रहण भारत के साथ दक्षिण पूर्व यूरोप और पूरे एशिया में दिखाई देगा. कल लगने वाले सूर्यग्रहण का केन्द्र हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र में होगा. कल होने वाला यह सूर्यग्रहण मिथुन राशि मंगल के मृगशिरा नक्षत्र में लगने जा रहा है जो कि 03 घंटे 25 मिनट और 17 सेकण्ड तक चलेगा.
पाँच हजार साल पहले जब इसी संयोग में ग्रहण लगा था तब भगवान श्रीकृष्ण ने ग्रहण के पश्चात ब्रह्म सरोवर में स्नान किया था. परन्तु इस बार ब्रह्म सरोवर में होने वाला यह स्नान कोविड-19 संक्रमण के चलते रोक दिया गया है. कोविड-19 के कारण स्नान के साथ ही साथ यहाँ पर लगने वाले मेले पर भी रोक लगा दी गई है.
कल लगने वाले सूर्यग्रहण के बारे में आचार्य गण बताते हैं कि चंद्रग्रहण लगने के केवल 16 दिन बाद ही लगने वाला यह सूर्यग्रहण धार्मिक नजरिये से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि जहाँ चंद्रग्रहण में सूतक को नहीं माना जाता है वहीँ सूर्यग्रहण में सूतक की बड़ी मान्यता है और सूर्यग्रहण के 12 घंटे के पहले ही यह सूतक शुरू हो जाता है सूतक में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. उनके अनुसार इसके पश्चात 05 जुलाई को एक बार फिर चंद्रग्रहण लगने जा रहा है.
सूर्यग्रहण का सूतक काल, स्पर्श और मोक्ष का समय-
कल लगने वाला यह चूड़ामणि (कंकड़) सूर्यग्रहण रविवार को आषाढ़ के अमावस्या के दिन लगेगा. सूर्यग्रहण का यह समय कुरुक्षेत्र में सुबह 10 बजकर 21 मिनट और 03 सेकण्ड से शुरू होगा और 01 बजकर 47 मिनट और 26 सेकण्ड तक रहेगा. जबकि वहीँ भारतीय मानक के समय के अनुसार यह सूर्यग्रहण कल सुबह 09 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर दोपहर 03 बजकर 04 मिनट तक रहेगा. इस प्रकार कल लगने वाले सूर्यग्रहण की कुल अवधि लगभग 03 घंटे की रहेगी.
वहीँ सूर्यग्रहण का मध्य दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा तथा ग्रहण का मोक्ष दोपहर 02 बजकर 07 मिनट पर होगा. ग्रहण के समय सूर्य की आकृति कंगन के जैसी दिखाई देगी जिससे इसे कंकणाकार सूर्यग्रहण के नाम से भी जाना जाता है. सूर्यग्रहण के समय कुछ स्थानों पर सूर्य का केवल 01% भाग ही दिखाई देगा जबकि सूर्य का शेष 99% भाग ग्रहण के कारण दिखाई नहीं पड़ेगा.
दिन में ही हो जाएगा अंधेरा
कल लगने वाले सूर्यग्रहण से एक बार फिर 25 वर्ष पहले की अर्थात 24 अक्टूबर 1995 की यादें ताजा हो जायेंगी कि जब उस दिन भी पूर्ण सूर्यग्रहण होने के कारण दिन में ही अंधेरा हो गया था और हवा भी ठण्डी हो गई थी जिसके चलते पक्षी अपने-अपने घोंसले में लौट आये थे.
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