Lakshmi Jayanti 2024: लक्ष्मी जयंती 2024 में कब है, इस दिन का महत्व, डेट, पूजा मुहूर्त यहां जानें
Lakshmi Jayanti 2024: फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन के अलावा मां लक्ष्मी की जयंती भी मनाई जाती है. इस दिन देवी लक्ष्मी अवतरित हुईं थी. जानें लक्ष्मी जयंती की डेट, पूजा मुहूर्त और इस दिन की पूजा विधि
Lakshmi Prakatotsav 2024 Date: शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी का जन्म फाल्गुन पूर्णिमा पर क्षीर सागर के समुद्र मंथन के समय हुआ था, देवी लक्ष्मी के जन्मदिवस को लक्ष्मी जयन्ती के रूप में मनाया जाता है. माता लक्ष्मी धन-समृद्धि की देवी हैं.
लक्ष्मी जयंती अधिकतर दक्षिण भारतीय राज्यों में मनाई जाती है. इस दिन विधि विधान से मां लक्ष्मी की पूजा, हवन करने पर घर में सुख, धन, बरकत का वास होता है. आर्थिक संकट दूर होते हैं. जानें इस साल 2024 में लक्ष्मी जयंती की डेट, पूजा मुहूर्त और महत्व.
लक्ष्मी जयंती 2024 डेट
लक्ष्मी जयंती 25 मार्च 2024 को मनाई जाएगी, हालांकि देवी लक्ष्मी के अवतरण को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित है. दक्षिण भारत में इस दिन देवी लक्ष्मी प्रकटोत्सव मनाया जाता है. इस दिन विधि विधान से पूजा करने से घर में पैसों की दिक्कत नहीं होती है.
लक्ष्मी जयंती 2024 पूजा मुहूर्त
पंचांक के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 24 मार्च 2024, सुबह 09.54 मिनट पर होगी और अगले दिन 25 मार्च 2024 को दोपहर 12.29 पर इसका समापन होगा.
- लक्ष्मी पूजा का समय - सुबह 06.19 - सुबह 07.51
- शुभ (उत्तम) - सुबह 09.23 - सुबह 10.55
लक्ष्मी जयंती पर क्या करें
लक्ष्मी जयन्ती का दिन धन-सम्पदा की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है,. लोग लक्ष्मी जयन्ती के दिन लक्ष्मी होम (हवन) का आयोजन करते हैं. लक्ष्मी होम अनुष्ठान के समय देवी लक्ष्मी सहस्रनामावली, यानी देवी लक्ष्मी के 1000 नाम तथा श्री सूक्तम् का पाठ किया जाता है. देवी महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शहद में डूबे हुये कमल पुष्पों की आहुति प्रदान की जाती है.
लक्ष्मी जयंती पूजा मंत्र
ईश्वरीकमला लक्ष्मीश्चलाभूतिर्हरिप्रिया।
पद्मा पद्मालया सम्पद् रमा श्री: पद्मधारिणी।।
द्वादशैतानि नामानि लक्ष्मी संपूज्य य: पठेत्।
स्थिरा लक्ष्मीर्भवेत्तस्य पुत्रदारादिभिस्सह।।
लक्ष्मी जयंती महत्व
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन अधिकतर उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र होता है. यही कारण है कि लक्ष्मी जयंती से उत्तरा फाल्गुनी का दिन जुड़ा हुआ है. फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन अष्टलक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से आदि लक्ष्मी धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, वीर लक्ष्मी, जय लक्ष्मी और विद्या लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.