Valentine Day, Lakshmi Vishnu Vivah: प्रेम दिवस हर साल 14 फरवरी को मनाया जाता है. इसे लोग वैलेंटाइन डे के रूप में मनाते हैं. प्यार के इस त्योहार पर लोग जिन्हें पसंद करते हैं उन्हें खुलकर दिल के जज्बात बताते हैं, प्यार का अहसास करता है. अलग-अलग और अनूठे अंदाज में अपने पार्टनर से शादी की इच्छा जाहिर करते हैं.


सच्चे प्रेम और सुखी दांपत्य जीवन के लिए शिव-पार्वती जी का उदाहरण दिया जाता है. ये तो जग जाहिर है कि शिव को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने हजारों साल कठोर तप किया था लेकिन क्या आप जानते हैं कि शादी से पहले देवी लक्ष्मी ने किन चीजों को ध्यान में रखते हुए भगवान विष्णु को पसंद किया था, और श्रीहरि को ही अपना जीवनसाथी क्यों चुना. आइए जानते हैं-


 



देवी लक्ष्मी और विष्णु जी के विवाह की कथा (Lakshmi  ji and Vishnu Vivah Katha)


पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जब देवी लक्ष्मी प्रकट हुई तब समस्त जगत बिजली की तरह जगमगा उठा. माता के सौंदर्य, यौवन, रूप-रंग और महिमा ने सबका मन मोह लिया. मनुष्य, असुर, देवता सभी लक्ष्मी को प्राप्त करना चाहते थे. सभी ने देवी का आदर-सत्कार किया. इसके बाद माता लक्ष्मी  हाथों में कमल पुष्पों की माला लिए अच्छे और सुयोग्य वर से विवाह के लिए आगे बढ़ीं लेकिन गन्धर्व,सिद्ध, यक्ष, असुर, देवताओं में खोजने के बाद भी उन्हें सुपात्र पुरुष नहीं मिला.


माता लक्ष्मी ने विष्णु जी में देखें ये गुण


देवी लक्ष्मी ने सभी में कुछ न कुछ ऐसी कमी देखी जिसे वह अनदेखा नहीं करना चाहती थी. माता विचार करने लगीं कि यहां कोई धर्म का पालन करता है लेकिन जीवों के प्रति प्रेम की भावना नहीं. कोई तपस्वी है लेकिन उसका क्रोध पर काबू नहीं, किसी में ज्ञान का भंडार है लेकिन अनासक्त नहीं.


काफी सोच विचार के बाद देवी लक्ष्मी ने विष्णु जी का वरण किया, क्योंकि समस्त सद्‌गुणों से परिपूर्ण हैं. वे क्रोध और काम को भी जीत प्राप्त कर चुके है. उनमें तप और ज्ञान तो हैं ही, अनासक्त हैं. वह धर्म और प्रेम की खान है. उनका ऐश्वर्य दूसरों पर आश्रित नहीं. ऐसे में देवी ने उनके गले में कमल पुष्पों की माला डाल दी. इस तरह भगवान विष्णु को माता लक्ष्मी प्राप्त हुईं.


प्रेमी और जीवनसाथी के चुनाव से पहले इन बातों का रखें ध्यान



  • लक्ष्मी नारायण के विवाह का यह प्रसंग सीख देता है कि जीवन में सच्चे प्यार, सुयोग्य जीवनसाथी और धन की प्राप्ति के लिए व्यक्ति के किन गुणों पर गौर करना चाहिए. अच्छे जीवन के लिए व्यक्ति कठोर परिश्रम करता है तभी उसे धन की प्राप्ति होती है लेकिन अगर क्रोध पर काबू नहीं है तो समस्त पूंजी का नाश हो जाता है.

  • जीवन में असली लक्ष्मी उसे ही प्राप्त होती है जो खुद श्रम कर धन अर्जित करते हैं. वहीं जो हर प्राणी को समान समझकर प्रेम करते हैं, धर्माचरण करते हैं, सदचरित्र होते हैं लक्ष्मी उन्हीं को मिलती है.


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