धर्म शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र में भी लाल चंदन की उतनी अहमियत है, जितनी इंटरनेशनल बाजार में. लाल चंदन के उपायों को करने से किस्मत को बदला जा सकता है. ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपायों के बारे में बताया गया है जिन्हें करने से कई तरह के दोष, कष्ट और संकटों के दूर किए जा सकते हैं. लाल चंदन को रक्त चंदन के नाम से भी जाना जाता है. वहीं, तंत्र-मंत्र के लिए लाल चंदन का इस्तेमाल किया जाता है. आइए जानें.     



  • सभी कष्‍टों को दूर करने के लिए- धार्मिक मान्यता है कि लाल चंदन की माला से मां काली के सिद्ध मंत्रों का जाप करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. 

  • सुख-समृद्धि के लिए- परिवार में सुख-समृद्धि पाने के लिए शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें लाल चंदन का टीका लगाएं. इससे मां बहुत जल्दी प्रसन्न होती हैं.

  • कारोबार में तरक्‍की के लिए- बिजनेस में सफलता और तरक्की पाने के लिए हर मंगलवार पीपल के 11 पत्ते लें और उसमें लाल चंदन से राम-राम लिखें. इन पत्तों की माला बना लें और हनुमान जी के मंदिर में चढ़ा दें. इससे आपका बिजनेस दिन दोगुना और रात चौगुनी तरक्की करेगा. कोशिश करें ये उपाय करते समय कोई देख न लें.

  • वास्‍तु दोष दूर करने के लिए- घर के वास्तु दोषों को दूर करने के लिए लाल चंदन का पाउडर, अश्वगंधा और गोखरूचूर्ण में कपूर मिलाएं और 40 दिन तक लगातार घर में हवन करें. इससे बड़े से बड़ा दोष भी दूर हो जाता है. इससे घर में सकारात्‍मकता बढ़ती है.

  • शत्रु को हराने के लिए- इसके लिए लाल चंदन से भोज पत्र के ऊपर शत्रु का नाम लिखें और पत्र को शहद में डुबों दें. ऐसा करने से शत्रु की तरफ से आने वाली सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी. 

  • खूब पैसा कमाने के लिए- तमाम कोशिशों के बाद भी अगर किसी काम में सफलता नहीं मिल रही या फिर कमाई नहीं हो रही, तो मंगलवार के दिन लाल चंदन, लाल गुलाब के फूल, रोली को लाल कपड़े में बांध लें और पैसे रखने की जगह पर रखें. हर 6 महीने में ऐसा करने से धन की आवक बढ़ती है. 

  • सफलता पाने के लिए- मान्यता है कि लाल चंदन का तिलक व्यक्ति का आत्‍मविश्‍वास बढ़ता है. इतना ही नहीं, हर काम में सफलता मिलने लगती है.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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