अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन के साथ शुरू हो रहा है. ऐसे में भगवान राम से जुड़ी कहानियों को जानने की इच्छा सबको ही है. रामायण और रामचरित मानस में किए गए वर्णन से ज्यादातर लोग परिचित हैं, लेकिन इनके अलावा भी उनसे जुड़ी कई ऐसी बातें हैं, जो इन ग्रन्थों में भी नहीं हैं और लोककथाओं में उनका विवरण मिलता है.


बड़ी बहन थी शांता


इनमें से एक विवरण भगवान राम की बहनों को लेकर भी है. सभी यह जानते हैं कि भगवान राम चार भाई थे, लेकिन इस बारे में कम ही लोगों को जानकारी है कि उनकी दो बहनें भी थीं- शांता और कुकबी.


खास बात ये है कि राजा दशरथ और रानी कौशल्या की सबसे पहली संतान राम नहीं बल्कि शांता थे. यानी श्री राम की एक बड़ी बहन भी थीं. शांता के बारे में मान्यता है कि अंगदेश के राजा रोमपद और दशरथ मित्र थे. साथ ही रोमपद की पत्नी वर्षिणी, रानी कौशल्या की बहन थीं. रोमपद और वर्षिणी की कोई संतान नहीं थी और इससे वो दुखी थे.


एक बार दशरथ के सामने रोमपद के मुंह से संतान का दुख निकला, तो राजा दशरथ ने उन्हें वचन दिया कि अगर उनकी संतान हुई तो वो उसे रोमपद और वर्षिणी को गोद दे देंगे. कुछ साल बाद दशरथ की बेटी हुई. ये दशरथ-कौशल्या की भी पहली संतान थी, लेकिन अपने वचन को निभाने के लिए उन्होंने बेटी को रोमपद और वर्षिणी को दे दिया.


हिमाचल प्रदेश में है शांता देवी मंदिर


हालांकि, इसको लेकर कुछ अन्य कहानियां भी प्रचलित हैं. ऐसा भी माना जाता है कि शांता के पैदा होने पर अयोध्या में भयानक अकाल पड़ा था और शांता को इस अकाल का कारण बताया गया, जिसके बाद उन्होंने उसे गोद दे दिया. कहा जाता है कि इसके बाद दशरथ शांता को अयोध्या बुलाने से डरते थे कि कहीं फिर से अकाल न पड़ जाए.


आज के दौर में हिमाचल प्रदेश में कुल्लू से कुछ दूर शांता देवी का जो मंदिर है, वो भगवान राम की इन्हीं बहन का है, जहां शांता और उनके पति ऋषि श्रृंग की मूर्तियां हैं. हालांकि कुकबी के बारे में कहीं भी ज्यादा जानकारियां उपलब्ध नहीं हैं.


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