Chandra Grahan 30 November 2020 Time: चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को लगने जा रहा है. पंचांग के अनुसार साल का आखिरी चंद्र ग्रहण वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में लग रहा है. चंद्र ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण घटना माना गया है.


चंद्रमा हो जाते हैं पीड़ित, इसके पीछे ये है बड़ी वजह
चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा पीड़ित हो जाते हैं. एक पौराणिक कथा के अनुसार जब समुद्र मंथन हो रहा था तो उसमे से जब अमृत कलश निकला. अमृत पीने के लिए देवताओं और असुरों में विवाद की स्थिति पैदा हो गई है. वहीं असुरों के द्वारा अमृत पान करने से असुर अमर हो जाएंगे. देवताओं की इस चिंता को दूर करने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया और देवताओं को अमृत पान कर दिया. देवताओं की पक्ति में अमृत पीने के लिए राहु छिप कर बैठ गया.


राहु को सूर्य और चंद्रमा ने देख लिया और भगवान विष्णु को इसकी सूचना दे दी. लेकिन जब तक भगवान विष्णु राहु का वध कर पाते तब तक अमृत की कुछ बूंदे उसके गले से नीचे उतर गईं. सुदर्शन चक्र से भगवान विष्णु ने राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया. अमृत पीने के कारण सिर राहु और धड़ केतु कहलाया. कहते हैं कि राहु-केतु इस घटना का बदला लेने के लिए चंद्रमा और सूर्य को निगलने का प्रयास करता है.


चंद्र ग्रहण के दौरान इन कार्यों को नहीं करना चाहिए
चंद्र ग्रहण के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. ऐसा करने पर अशुभ फल प्राप्त होते हैं. इस बार चंद्र ग्रहण कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है. इस चंद्रग्रहण को लोग खुली आंखों से देख सकते हैं. पंचांग के अनुसार 30 नवंबर के दिन दोपहर 1.04 बजे से ग्रहण लगना शुरू होगा और 5.22 मिनट कर रहेगा.
ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए. क्रोध नहीं करना चाहिए. चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान का स्मरण करना चाहिए. इस दौरान हनुमान चालीसा और गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके साथ ही इस दिन मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.


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