Lunar Eclipse 2022 : इस वर्ष चंद्र ग्रहण 16 मई को लगने वाला है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण का विशेष महत्व रहता है. इस वजह से देश में ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है. सूतक की वजह से इस दौरान कोई भी धार्मिक या फिर शुभ कार्य नहीं किया जाता है इसलिए इस दौरान कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद आवश्यक होता है। क्या हैं वो बातें आइए जानते हैं विश्व प्रसिद्ध वास्तुविद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी जी से कि चंद्र ग्रहण के समय क्या करें और क्या न करें।
- इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य न करें और न ही भगवान की मूर्तियों को स्पर्श किया जाता है.
- ग्रहण काल में तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए. सूतक लगने से पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़ लें.
- ग्रहण काल में मन तथा बुद्धि पर पड़ने वाले कुप्रभाव से बचने के लिए ध्यानादि करना चाहिए.
- ग्रहण से बारह घण्टे तथा चन्द्र ग्रहण से नौ घण्टे पूर्व से लेकर ग्रहण समाप्त होने तक भोजन नहीं करना चाहिए.
- सूतक काल के नियम गर्भवती महिलाओं, बुजुर्ग, बच्चों और बीमार लोगों पर लागू नहीं होते.
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में काटने, छीलने या सिलने का काम नहीं करना चाहिए.
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और सोना नहीं चाहिए.
- ग्रहण काल के समय भोजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये शरीर के लिए नुकसानदायक माना गया है।
- घर में पके हुए भोजन में सूतक काल लगने से पहले ही तुलसी के पत्ते डालकर रख देने चाहिए। इससे भोजन दूषित नहीं होता है।
- ग्रहण के दौरान तेल लगाना, जल पीना, बाल बनाना, कपड़े धोना और ताला खोलना जैसे कार्य नहीं करने चाहिए.
- इस दिन जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें।
- अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप करें। मंत्र जाप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए.
- शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें. इससे चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभावों का असर नहीं पड़ेगा.
- ग्रहण ख़त्म होने के बाद पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव करें.
- तुलसी के पेड़ से लेकर मंदिर तक अपने पूरे घर को गंगाजल से शुद्ध करें.
- ग्रहण खत्म होने के बाद पितरों के नाम से भी दान करें.
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