Magh Month 2022: माघ माह के महीने की शुरुआत हो चुकी है. माघ माह को पवित्र माह माना जाता है. पुण्य की प्राप्ति लिए माघ माह उत्तम है. धार्मिक मान्यता है कि देवी-देवता और पितरों के निमित्त पूजा के लिए ये माह श्रेष्ठ होता है. माघ माह में प्रयागराज में क्लपवास करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और कष्टों से मुक्ति मिलती है.  आइए जानते हैं इस पवित्र माह में क्या-क्या करना चाहिए.  


माघ माह में करें ये कार्य (Do These Upay In Magh Month)



स्नान ने प्राप्त होता है पुण्य


ग्रंथों के मुताबिक माघ मास के दौरान ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करने से पापों का  नाश होता है. इतना ही नहीं, प्रजापत्य यज्ञ का फल भी प्राप्त होता है. ऐसा माना जाता है कि माघ मास में देवता भी प्रयागराज के संगम तट पर स्नाने के लिए आते हैं. इसलिए माघ मास में संगम तट पर स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. 


 


ये भी पढ़ेंः Ketu Gochar 2022: केतु गोचर का पड़ेगा इस राशि पर प्रभाव, झेलनी पड़ सकती हैं कई समस्याएं, जानें


करें सूर्य देव की पूजा


सूर्य एक ऐसे देवता है जो आज भी भक्तों को प्रत्यक्ष रूप से दर्शन देते हैं. माघ मास में सूर्य की उपासना अत्यंत लाभकारी होती है. मान्यता है कि सभी पापों से मुक्ति पाने के लिए व्यक्ति को स्नान के बाद सूर्य के मंत्रों का उच्चारण करते हुए उन्हें जल अर्पित करना चाहिए. 


शिव की उपासना 


माघ मास में भगवान सूर्य और विष्णु देव की उपासना का तो विशेष महत्व है. लेकिन इस दिन भगवान शिवजी की पूजा से भी लाभ मिलता है. मान्यता है कि माघ मास में नियमित जल में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करने से रोगों से मुक्ति मिलती है. इस माह में किसी विशेष कामना पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक करना भी लाभकारी है. इसके साथ ही, धन प्राप्ति और घर में सुख-शांति के लिए विष्णुसहस्रनाम का पाठ, श्री सूक्त का पाठ और हवन करना चाहिए. 


ये भी पढ़ेंः Vastu Tips For Lakshmi Ji: मां लक्ष्मी और विष्णु जी को बेहद प्रिय है ये पौधा, लगाते ही होने लगती है धन की वर्षा


दान


माघ मास में गुड़, तिल और कंबल के दान का भी विशेष महत्व माना जाता है. ऐसा करने से रोगों से मुक्ति मिलती है. वहीं, इस मास में अन्न दान करने से धन की कमी नहीं होती है. 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.