Magh Month 2024: पंचांग के अनुसार पौष पूर्णिमा के बाद हिंदू कैलेंडर का 11वां महीना माघ शुरू हो जाएगा. माघ का महीना पहले माध का महीना कहलाता था "माध" अर्थात श्री कृष्ण के एक स्वरूप "माधव" से इसका संबंध है.
मान्यता है कि माघ मास में किए गए कार्यों का फल कई जन्मों तक मिलता है. यही वजह है कि माघ महीने में श्रीकृष्ण, सूर्य देव की पूजा, गंगा स्नान, जरुरतमंदों को दान देने का विशेष महत्व है. आइए जानते हैं माघ माह 2024 में कब शुरू हो रहा है, क्या है इसका महत्व, नियम.
माघ माह 2024 कब होगा शुरू
माघ महीना 26 जनवरी 2024 से शुरू हो रहा है. इसकी समाप्ति 24 फरवरी 2024 को माघ पूर्णिमा पर होगी. माघ महीन में प्रयागराज में संगम तट पर गंगा स्नान करने का विधान है, इससे कभी न खत्म होने वाला पुण्य मिलता है. एक माह तक लोग यहां कल्पवास करते हैं.
माघ महीने में गंगा स्नान का महत्व
माघे निमग्नाः सलिले सुशीते विमुक्तपापास्त्रिदिवं प्रयान्ति। प्रीतये वासुदेवस्य सर्वपापानुत्तये। माघ स्नानं प्रकुर्वीत स्वर्गलाभाय मानवः॥ - पद्मपुराण में माघ मास के महत्व को बताते हुए कहा गया है कि श्रीहरि विष्णु को पूजा से उतनी प्रसन्नता प्राप्त नहीं होती जितनी इस माह में गंगा स्नान से वह खुश होते हैं. पौराणिक कथा के अनुसार माघ मास में गौतम ऋषि ने इंद्रदेव को श्राप दिया थ. इंद्र ने पार्यश्चित करने के लिए इसी माह में गंगा स्नान इसके बाद इंद्रदेव को श्राप से मुक्ति मिल गई थी.
माघ महीने के नियम
- माघ माह में अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़, कंबल, घी, गीता, गेहूं, जल का दान, सोना दान करने के समान माना गया है.
- माघ में देर तक न सोए, रोजाना स्नान करें. तला भोजन न करें. बिस्तर का त्याग कर जमीन पर सोएं.
- माघ मास का संबंध श्रीकृष्ण के माधव स्वरुप से है, ऐसे में रोज कान्हा की पूजा करनी चाहिए. प्रतिदिन मधुराष्टक का पाठ करने से दोष समाप्त होते है. वहीं गीता पाठ करने से घर में सुख-शांति आती है.
- माघ माह में तिल का 6 तरीके उपयोग करना चाहिए. तिल से स्नान, सेवन, दान, उबटन लगाना, तिल से हवन, तिल का भोग लगाएं. पुराणों के अनुसार ऐसा करने पर आरोग्य, ऐश्वर्य, धन प्राप्त होता है.