Pradosh Vrat 2024: माघ का आखिरी प्रदोष व्रत 21 या 22 फरवरी 2024 कब हैं? जानें शुभ मुहूर्त
Magh pradosh vrat 2024: प्रदोष व्रत व्यक्ति के तमामों संतापों को दूर करने वाला व्रत है. इस साल फरवरी का दूसरा प्रदोष व्रत 21 या 22 फरवरी कब है, जानें सही तारीख और पूजा मुहूर्त.
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Magh Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत एक महीने में करीब दो बार आता है, जो अक्सर महीने में दो बार पड़ता है.प्रदोष व्रत को त्रयोदशी व्रत भी कहा जाता है. यह मां पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है.इस दिन भगवान शिव की पूजा के लिए बेहद विशिष्ट समय होता है प्रदोष काल.
पुराणों में कहा गया है कि यह व्रत करने से बेहतर सेहत और लंबी आयु मिलती है. फरवरी माह का दूसरा प्रदोष व्रत 21 या 22 फरवरी कब है, डेट को लेकर कंफ्यूज न हों यहां जानें माघ के दूसरे प्रदोष व्रत की सही तारीख, मुहूर्त और उपाय.
21 या 22 फरवरी प्रदोष व्रत कब ?
पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 21 फरवरी 2024 को सुबह 11.27 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 22 फरवरी 2024 को दोपहर 01.21 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में माघ महीने का दूसरा प्रदोष 21 फरवरी को मान्य होगा, क्योंकि इस व्रत में शाम की पूजा का महत्व है.
21 फरवरी को प्रदोष काल पूजा समय
21 फरवरी 2024 को माघ महीने का बुध प्रदोष व्रत है, इस दिन शिव पूजा के लिए शाम 06.15 मिनट से रात 08.47 मिनट तक का समय श्रेष्ठ है. सूर्यास्त के बाद और रात्रि के आने से पहले का समय प्रदोष काल कहलाता है. इस दौरान भगवान शिव की पूजा होती है. माना जाता है कि सच्चे मन से यह व्रत रखने पर व्यक्ति को मनचाही वस्तु मिलती है.
प्रदोष व्रत में शिवलिंग पूजा का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, इस दिन समस्त जैसे ब्रह्म बेताल, देव, गंधर्व दिव्यात्माएं अपने सूक्ष्म स्वरूप में शिवलिंग में समा जाती हैं. त्रयोदशी तिथि पर प्रदोषकाल में शिवलिंग के केवल दर्शन करने से सभी जन्मों के पाप नष्ट होते हैं. साथ ही त्रयोदशी तिथि पर प्रदोषकाल में बिल्वपत्र चढ़ाकर दीप जलाने से अनेक पुण्य प्राप्त होते हैं. पहले इस व्रत के महत्व के बारे में शिवजी ने माता सती को बताया था. शास्त्रों में कहा गया है कि कलियुग में एक मात्र प्रदोष ऐसा व्रत है जो व्यक्ति के रोग, दोष, संतापों का नाश कर खुशियां प्रदान करता है.
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