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Maha Shivaratri 2021:11 मार्च को है भगवान शिव की उपासना का दिन महाशिवरात्रि, ऐसे करें उपवास और पूजा
फाल्गुन महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है जो इस साल 11 मार्च 2021 गुरुवार को मनाई जाएगी. वास्तव में चतुर्दशी तिथि 11 मार्च को 2:39 से प्रारंभ होगी जो 12 मार्च को दोपहर 3:02 तक रहेगी. तो आइए जानते है कि महाशिवरात्रि कब और कैसे मनाई जाती है ? कैसे व्रत किया जाना चाहिए ? और इस बार कौन सा समय पूजा अर्चना के लिए अच्छा रहेगा ?
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इस बार महाशिवरात्रि का लाभ ज्यादा मिल पाएगा क्योंकि इस बार कई विशेष योग बन रहे हैं, जिसमें शिव योग भी बन रहा है. इस कारण पूजा अर्चना के विशेष लाभ होंगे. शिव योग में शिवरात्रि के मनाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और सभी कष्ट दूर होते हैं.
पूजा अर्चना के लिए निशिता काल विशेष तौर पर जाना जाता है जो 12 मार्च को 12:06 से 12:55 तक रहेगा.
अन्य पूजा के मुहूर्त इस प्रकार है-
रात्रि प्रथम प्रहर : 11 मार्च को सायं 06:27 मिनट से रात्रि 09:29 मिनट तक
रात्रि द्वितीय प्रहर : 12 मार्च को रात्रि 09:29 मिनट से 12:31 मिनट तक
रात्रि तृतीय प्रहर : 12 मार्च को प्रात: 12:31 मिनट से प्रात: 03:32 तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर : 12 मार्च को प्रात: 03:32 मिनट से 06:34 मिनट तक
ऐसे करें भोले की पूजा और अभिषेक
वैसे तो भोलेनाथ मन से जल चढ़ाने पर भी प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन महाशिवरात्रि के दिन विशेष पूजा अर्चना में आप कच्चा दूध,दही, शहद, धतूरे और भांग ऐसी कई चीजें चढ़ा सकते हैं.
पूजा अर्चना के समय ओम नमः शिवाय अर्थात पंचाक्षरी का जप करना चाहिए. शिव पंचाक्षरी इस तरह से होती है, जिससे ओम नमः शिवाय शब्द बना है जो शंकराचार्य जी ने दिया था.
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:।।
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:।।
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:।।
वषिष्ठ कुभोदव गौतमाय मुनींद्र देवार्चित शेखराय।
द्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै व काराय नम: शिवाय:।।
यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै य काराय नम: शिवाय:।।
पंचाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेत शिव सन्निधौ।
शिवलोकं वाप्नोति शिवेन सह मोदते।।
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे 'न' काराय नमः शिवायः।।
जब भी शिव पूजा करें तो इस शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं.
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