Mahashivratri 2025 Highlights: महाशिवरात्रि जलाभिषेक का समय, सामग्री, पूजन विधि देखें

Mahashivratri Puja Vidhi Shubh Muhurat Highlights: महाशिवरात्रि के दिन 24 घंटे शिवालय में पूजा, धार्मिक अनुष्ठान होते हैं. इस दिन शुभ मुहूर्त में जलाभिषेक करना श्रेष्ठ फलदायी होता है.

जागृति सोनी बरसले Last Updated: 26 Feb 2025 08:28 PM
Mahashivratri 2025 Wishes: महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं


Mahashivratri 2025: सुखी वैवाहिक जीवन के लिए उपाय

जिन वैवाहिक दंपत्ति के जीवन में तनाव चल रहा है, प्रेम कम हो गया है. वह महाशिवरात्रि के दिन सोलह सोमवार व्रत का संकल्प लेना अत्यंत लाभकारी होता है। यह व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है और दांपत्य जीवन में शांति व सौहार्द बनाए रखने में सहायक होता है. 

Mahashivratri Upay: महाशिवरात्रि धन लाभ के उपाय

जीवन में आर्थिक उन्नति के लिए महाशिवरात्रि की रात 12 बजे चांदी के लोटे में जल लेकर शिवलिंग का अभिषेक करें. अभिषेक करते वक्त “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ पार्वतीपतये नम: का 108 बार जाप करें.

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर इन राशियों को मिलेगा लाभ

महाशिवरात्रि का त्योहार मेष राशि वालों के जीवन में खुशियां लेकर आएगा. नौकरी की तलाश पूरी होगी. नए ऑफर मिल सकते हैं. वहीं मिथुन राशि वालों को पैसों से जुड़ी समस्या का समाधान मिलेगा, आय के स्त्तोत्र बढ़ेंगे. सिंह राशि वालों को बिजनेस में मुनाफे के योग हैं.

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर प्रदोष काल पूजा का महत्व

प्रदोष काल में महादेव की आराधना सबसे शुभ और फलदायी मानी गई है. महाशिवरात्रि पर प्रदोष काल में किया गया जलाभिषेक व्यक्ति को सारे संकटों से मुक्ति दिलाता है, ऐसी मान्यता है. महाशिवरात्रि पर 26 फरवरी को शाम 6.19 से रात 09.26 तक प्रदोष काल है.

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि की रात जागने से क्या होता है ?

ज्योतिष की दृष्टि से देखें तो महाशिवरात्रि की रात में ब्रह्माण्ड में ग्रह और नक्षत्रों की ऐसी स्थिति होती है जिससे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ जाता है. रात्रि काल में जब मनुष्य जाग्रत अवस्था में होता है तो शरीर में ऊर्जा ऊपर की ओर बढ़ती है, जिससे ध्यान और भक्ति का असर ज्यादा होता है. ये तमाम शारीरिक लाभ देता है. वहीं दूसरी ओर महाशिवरात्रि को शिव-पार्वती जी भ्रमण पर निकलते हैं, ऐसे में जो रात जागकर शिवलिंग की पूजा करता है उन्हें गौरी शंकर का आशीर्वाद मिलता है, ऐसी मान्यता है

Mahashivratri 2025: महाशिवारत्रि 2025 तिथि

महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को पड़ता है. चतुर्दशी तिथि समाप्त 27 फरवरी 2025 को सुबह 8.54 मिनट पर होगी.

Mahashivratri 2025 Puja: महाशिवरात्रि 2025 चार पहर की पूजा का समय

महाशिवरात्रि 2025 चार पहर की पूजा का समय


रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - शाम 6:19 से 9:26 मिनट तक रहेगा.
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - रात 9:26 से 12:34 मिनट तक रहेगा.
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - रात 12:34 से लेकर 03:41 मिनट कर रहेगा.
वहीं रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 03:41 से 6:48 मिनट तक रहेगा.

Mahashivratri 2025: पारद शिवलिंग को घर में रखना शुभ

पारद शिवलिंग यानि वो शिवलिंग जो पारे और चांदी से मिलकर बना हो उसे घर में रखना शुभ माना जाता है. घर में पारद शिवलिंग रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. शिवरात्रि के दिन आप पारद शिवलिंग घर में स्थापित कर सकते हैं.

Mahashivratri 2025 Vrat Paran: महाशिवरात्रि 2025 व्रत पारण

महाशिवरात्रि के व्रत का पारण अगले दिन किय जाता है. 27 फरवरी को सुबह 06:48 से 08:54 मिनट के बीच आप व्रत का पारण कर सकते हैं.


 

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि 2025 शुभकामना संदेश

अद्भुत भोले तेरी माया
अमरनाथ में डेरा जमाया
नीलकंठ में तेरा साया
तू ही मेरे दिल में समाया.
महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं.


 

Mahashivratri 2025 Bhog: महाशिवरात्रि 2025 भोग

महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाना चाहिए. इस दिन उन्हें बेर, सेब, बेल, अनार और संतरे का भोग लगा सकते हैं. भोलेनाथ को फल अति प्रिय हैं. 

Mahashivratri 2025 Wishes: महाशिवरात्रि 2025 शुभकामनाएं


Mahashivratri 2025 Puja: निशिता काल पूजा का समय

पंचांग के अनुसार निशिता काल 27 फरवरी को 12.09 मिनट से लेकर 12.59 मिनट कर रहेगा. कुल 50 मिनट निशिता काल रहेगा.

Mahashivratri 2025: निशिता काल पूजा का महत्व

महाशिवरात्रि या शिवरात्रि के दिन निशिता काल में पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है. निशिता  काल में भगवान शिव की पूजा करने से पुण्य की  प्राप्ति होती है और भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होते हैं.

Mahashivratri 2025 Puja: क्या महाशिवरात्रि पर मूर्ति पूजा कर सकते हैं?

महाशिवरात्रि पर वैसे तो शिवलिंग की पूजा का महत्व होता है. लेकिन घर पर शिवलिंग न हो या आप किसी कारण मंदिर जाने में समर्थ न हों तो भगवान शिव की मूर्ति की भी पूजा की जा सकती है. मूर्ति पूजन भी मान्य है और इससे भी पूजा का पूरा फल मिलता है.

Mahashivratri 2025 Paran Time: महाशिवरात्रि व्रत के पारण का समय क्या है

ज्योतिषिाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, महाशिवरात्रि व्रत का पारण गुरुवार 27 फरवरी को सुबह 06 बजकर 48 मिनट से 08 बजकर 54 मिनट तक है.

Mahashivratri 2025 Char Prahar Puja Importance: महाशिवरात्रि चार प्रहर पूजा का महत्व

शिवपुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि पर चार प्रहर किए जाने वाले पूजन में पहले प्रहर की पूजा स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए, दूसरे प्रहर की पूजा धन-समृद्धि के लिए, तीसरे प्रहर की पूजा संतान सुख की कमाना और मनोकामना पूर्ति के लिए, वहीं चौथे प्रहर की पूजा मोक्ष और भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए होती है.

Happy Mahashivratri Wishes: महाशिवरात्रि शुभकामना संदेश

शिव ही सत्य हैं, शिव अनंत हैं,
शिव अनादि हैं, शिव भगवंत हैं,
शिव ओंकार हैं, शिव ब्रह्म हैं,
शिव शक्ति हैं, शिव भक्ति हैं.
महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं.

Mahashivratri 2025 Puja Mantra: महाशिवरात्रि पूजा मंत्र

  • ऊं हरये नमः

  • ॐ नमः शिवाय

  • ऊं महेश्वराए नमः

  • ऊं शूलपानायाय नमः

  •  ऊं पिनाकपनाये नमः

  • ॐ श्री रुद्राय नमः

  • ॐ शंकराय नमः

  • ऊं पशुपतये नमः

  • ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः 

  • ॐ महादेवाय नमः।

  • ॐ नीलकंठाय नमः

Mahashivratri 2025 Shubh Yoga: महाशिवरात्रि पर ग्रहों का दुर्लभ संयोग

आज महाशिवरात्रि पर ग्रहों का दुर्लभ योग बना है. आज के दिन शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे, जिससे मालव्य राजयोग बनेगा. मीन राशि में शुक्र की राहु के साथ भी युति हो रही है. वहीं कुंभ राशि में सूर्य-शनि की भी युति होगी और कुंभ राशि में बुध भी विराजमान हैं. इन तीनों ग्रहों की युति से त्रिग्रही योग के साथ-साथ सूर्य-बुध से बुधादित्य योग भी बनेगा. 

Mahashivratri 2025 Tithi: महाशिवरात्रि पर चतुर्दशी तिथि कब लगेगी

  • चतुर्दशी तिथि प्रारंभ- 26 फरवरी 2025 सुबह 11: 08 पर होगी.

  • चतुर्दशी तिथि समाप्त- 27 फरवरी 2025 सुबह 8:54 पर.

Mahashivratri 2025 Char prahar Puja time: महाशिवरात्रि 2025 चार पहर पूजा का समय

  • रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - शाम 6:19 से 9:26 मिनट तक रहेगा.

  • रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - रात 9:26 से 12:34 मिनट तक रहेगा.

  • रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - रात 12:34 से लेकर 03:41 मिनट कर रहेगा.

  • वहीं रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 03:41 से 6:48 मिनट तक रहेगा.

Mahashivratri 2025 Bhadra time: महाशिवरात्रि पर सुबह से लेकर रात तक भद्रा

महाशिवरात्रि के दिन आज सुबह 11 बजकर 08 मिनट से रात 10 बजकर 5 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा. लेकिन शिवपूजन में भद्रा का असर नहीं पड़ेगा, क्येंकि महादेव स्वयं कालों के काल महाकाल हैं. ऐसे में भक्त महाशिवरात्रि पर पूरे दिन पूजा-अर्चना कर सकते हैं.

Mahashivratri Puja Muhurat 2025: महाशिवरात्रि पर पूजा का मुहूर्त

महाशिवरात्रि की पूजा सुबह से लेकर देर रात तक होती है. खासकर निशिता काल में पूजा करना शुभ होता है. पंचांग के अनुसार निशिता काल 26 फरवरी को देर रात 12:09 मिनट से लेकर 12:59 मिनट कर रहेगा. निशिता काल की कुल अवधि 50 मिनट रहेगी.

Mahashivratri Puja Mantar: महाशिवरात्रि पूजा मंत्र

"ॐ ऐं ह्रीं शिव गौरीमय ह्रीं ऐं ऊं"


‘ऊं नम: शिवाय’


सांब सदा शिव


ॐ अघोराय नमः 


ॐ श्रीकंठाय नम:


ॐ तत्पुरुषाय नम:


ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् || 

Mahashivratri Puja Vidhi: महाशिवरात्रि पर शिव पूजा की सही दिशा

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का जलाभिषेक करते वक्त मुख उत्तर दिशा की ओर रखें. ध्यार रहे पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल न चढ़ाएं क्योंकि ये दिशा  भगवान शिव का प्रवेश द्वार मानी जाती है.

Mahashivratri Belpatra Upay: शिवलिंग पर बेलपत्र कैसे चढ़ाएं

शिवलिंग पर तीन पत्तियों वाला बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करना बेहद शुभ होता है. बेलपत्र शिव को अति प्रिय है. महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर शाम के समय बेलपत्र ऐसे चढ़ाएं जिससे उसका चिकना भाग शिवलिंग से स्पर्श होने चाहिए. अपनी मनोकामना बोलें और फिर बेलपत्र को उठाकर अपने पास तिजोरी में रखें. धार्मिक मान्यता है कि इससे धन का आगमन बढ़ता है.

Mahashivratri 2025: घर में कैसे होना चाहिए शिवलिंग

मंदिरों में शिवलिंग का आकार बढ़ा होता है लेकिन घर के लिए शिवलिंग का आकार छोटा होना चाहिए, खास तौर पर, यह अंगूठे के आकार से बड़ा नहीं होना चाहिए. महाशिवरात्रि पर घर में इतने ही छोटे शिवलिंग की पूजा करें.

Mahashivratri 2025 Wishes: महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं


Mahashivratri Jalabhishek 2025: महाशिवरात्रि पर राशि अनुसार अभिषेक

मेष राशि - जल में केसर डालकर चढ़ाएं
वृषभ राशि - शिवलिंग पर दूध और सफेद फूल चढ़ाएं
मिथुन राशि - शिव जी पर बेलपत्र अर्पित करें.
कर्क राशि - दही से शिवलिंग का अभिषेक.
सिंह राशि - शिवलिंग पर शहद अर्पित करें.
कन्या राशि - गन्ने का रस चढ़ाएं.
तुला राशि - घी की धारा बनाकर शिव जी पर चढ़ाएं.
वृश्चिक राशि - कनेर और लाल चंदन चढ़ाएं
धनु राशि - केले का भोग लगाएं, धतूरा अर्पित करें. 
मकर राशि - शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाएं
कुंभ राशि - तेल से अभिषेक करें.
मीन राशि - भांग और भस्म शिव जी को चढ़ाएं

Mahashivratri 2025 Char Prahar Puja Time: महाशिवारत्रि चार प्रहर पूजा मुहूर्त


Mahashivratri Puja Samagri: महाशिवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट

मिट्टी के दीपक 5, अक्षत, केसर, जौ, पीली सरसों, सुपारी, बेलपत्र, इत्र, गुलाब के फूल, जनेऊ, पान का पत्ता, लौंग, इलायची, तिल, भस्म, भांग, कुमकुम, सिंदूर, मौली, शिवलिंग के लिए मिट्टी, धातु के शिवलिंग भी ले सकते हैं, धतूरा, पंचामृत (दूघ, दही, घी, शहद, शक्कर) आम के पल्लव, हवन सामग्री, गंगाजल

Mahashivratri 2025 Muhurat: महाशिवरात्रि पूजा का मुहूर्त















पूजा मुहूर्त
देर रात 12:09 - प्रात: 12:59, फरवरी 27
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि शुरू 26 फरवरी 2025, सुबह 11.08
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि समाप्त 27 फरवरी 2025, सुबह 8.54

बैकग्राउंड

Mahashivratri 2025 Highlights: आ गई शिव की प्रिय रात महाशिवरात्रि, इसे महारात्रि भी कहा जाता है. 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि का पावन त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा. शिव अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदि स्रोत हैं. उनका काल और महाकाल स्‍वरूप ही ज्योतिषशास्त्र के आधार हैं.


त्रिदेवों में भगवान शिव संहार के देवता माने गए हैं. कई जगर भोलेनाथ को आदियोगी के रूप में भी पूजा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि की रात माता पार्वती और भोलेनाथ विवाह के बंधन में बंधे थे. साथ ही इसी दिन एक दिव्य ज्योति के रूप में शिवलिंग में शंकर जी का प्राकट्य हुआ था.


शिव पुराण के अनुसार जो लोग महाशिवरात्रि का व्रत कर शिव और शक्ति की उपासना करते हैं उनके वैवाहिक जीवन में सुख का आगमन होता है साथ ही कुंवारे लोगों को विवाह के लिए सुयोग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है.


महाशिवरात्रि का महत्व (Mahashivratri Significance)


शिवपुराण के अनुसार प्राचीन समय में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे. जब शिवलिंग प्रकट हुआ था, तब भगवान ने आकाशवाणी की थी कि इस तिथि रात जागकर जो भक्त शिवलिंग का पूजन करेंगे, उन्हें शिव की विशेष कृपा मिलेगी. मान्यता है कि शिवरात्रि की रात भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी का भ्रमण करते हैं.


महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का आखिरी स्नान


इस साल महाशिवरात्रि पर बेहद दुर्लभ संयोग बना है. इस दिन महाकुंभ में आखिरी शाही स्नान किया जाएगा. महाशिवरात्रि पर बनारस में भी श्रद्घालुओं की भीड़ उमड़ी है. कहते हैं जो लोग महाशिवरात्रि पर गंगा स्नान करते हैं उनके इस जन्म और पिछले जन्म के समस्त पाप धुल जाते हैं और जीवन में आनंद का अनुभव होता है.


शिवरात्रि पूजन का प्रभावशाली मंत्र (Shivratri Puja Mantra)


शिवरात्रि की पूजा में महामृत्युंजय मंत्र का लगातार जाप करना शुभ होता है- ऊँ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिंपुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात्।

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