भगवान हनुमान जी को संकटमोचक कहा जाता है. उनका भक्त कितनी भी बड़ी मुश्किल में क्यों न हो सिर्फ हनुमानजी का नाम लेने से संकट खत्म हो जाता है. क्या आप जानते हैं हनुमानजी को 8 देवाताओं ने वरदान दिए थे जिसके बाद उनमें अद्भुत शक्तियां आ गई थीं. यह तब हुआ था जब हनुमान जी बचपन में सूर्यदेव को फल समझकर खाने को दौड़े.
इससे घबराकर देवराज इंद्र ने हनुमानजी पर वज्र का वार कर दिया जिससे हनुमान बेहोश हो गए. यह देखकर वायुदेव को क्रोध आ गया और उन्होंने समस्त संसार में वायु का प्रवाह रोक दिया. संसार में हाहाकार मच गया. परमपिता ब्रह्मा हनुमान को होश में लाए. उस समय सभी देवताओं ने हनुमानजी को वरदान दिए. इन वरदानों से ही हनुमानजी महाबली बन गए.
अब आपको बताते हैं किन 8 देवताओं ने हनुमान जी को दिए थे वरदान
सूर्य देव
सूर्य देव ने हनुमानजी को अपने तेज का सौवां भाग दिया था. सूर्य देव ने यह भी कहा था जब यह बालक बड़ा हो जाएगा तो वह इसे शास्त्रों का ज्ञान देंगे. जिसके बाद यह सर्वश्रेष्ण वक्ता बनेगा और शास्त्रों के ज्ञान में कोई इसके सामने नहीं टिक पाएगा.
धर्मराज यम
धर्मराज यम ने वरदान दिया कि नुमान जी को कभी भी यम का शिकार नहीं होना पड़ेगा.
कुबेर
कुबेर ने हनुमानजी को गदा दी और वरदान दिया उन्हें कभी भी युद्ध में परास्त नहीं किया जा सकता है.
भगवान शंकर
महादवे ने अपने अंशावतार को किसी भी अस्त्र से न मरने का वरदान दिया.
विश्वकर्मा
देव शिल्पी विश्वकर्मा ने वरदान दिया कि उनके द्वादा बनाए गए सभी शस्त्रों से हनुमान को कुछ नहीं होगा.
इंद्र
इंद्र ने हनुमानजी को वरदान दिया कि इस बालक पर मेरे वज्र के वार का कोई असर नहीं होगा
वरुण
जलदेवता वरुण ने यह वरदान दिया कि दस लाख वर्ष की आयु हो जाने पर भी मेरे पाश और जल से इस बालक की मृत्यु नहीं होगी.
ब्रह्मा
ब्रह्माजी ने हनुमानजी को दीर्घायु होने और अपनी इच्छानुसार कोई भी रूप धारण कर कहीं भी जा सकने का वरदान दिया.
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