Kichak Vadh Story: महाभारत की कथा में पांडव जब अज्ञातवास भोग रहे थे तो सभी पांडव कौरवों से बचने के लिए भेष बदल कर विराटनगर में रहने लगे. जहां पर पांडव और द्रौपदी एक सेवक बनकर समय व्यतीत करने लगे. युधिष्ठिर राजा विराट के मंत्री कनक के रूप में कार्य करने लगते हैं. अर्जुन ब्रिहन्नाला नाम के एक किन्नर के रूप में वहां की राजकुमारी उत्तरा को नृत्य सिखाने लगते हैं. भीम बल्लाव के रूप में खाना बनाने लगे. नकुल ग्रंथिक के रूप में घुड़सवार और सहदेव तंतिपाल के रूप में चरवाहा का कार्य करने लगते हैं. जबकि द्रोपदी, सैंध्री के रूप में रानी की सेवा करने लगीं.


द्रौपदी पर जब कीचक ने डाली गलत नजर
कीचक विराटनगर का सेनापति और महारानी सुदेशना का भाई था. कीचक के बारे में कहा जाता था कि वह अहंकारी और दुष्ट था. वह बहुत जिद्दी भी था. एक बार कीचक अपनी बहन सुदेशना से मिलने उसके महल में आया तो उसकी नजर द्रौपदी पर पड़ गई है. द्रोपदी को देखकर कीचक मोहित हो गया और द्रौपदी को पाने की कामना करने लगा. कीचक ने अपनी बहन सुदेशना को द्रोपदी को उसके पास भेजने को कहा. रानी की आज्ञा से द्रोपदी कीचक के पास जाती हैं. कीचक द्रोपदी पर गलत नजर डालता है. द्रोपदी इसका विरोध करती हैं और उसे गंभीर परिणाम भुगतने के लिए कहती हैं. इससे कीचक समझ जाता है कि ये कोई मामूली दासी नहीं है. कीचक को शक होता है.


दुर्योधन और शकुनि से कीचत की मुलाकात
इसी दौरान शकुनि के साथ दुर्योधन आता है और राजा विराट से मिलता है और कहता है कि उसे ज्ञात हुआ कि पांडव विराट राज्य में शरण लिए हुए हैं. राजा इस बात से इंकार करते हैं. लेकिन इन बातों को कीचक सुन लेता है और वह समझ जाता है कि दासी ही द्रोपदी है. कीचक इस बात की जानकारी दुर्योधन को दे देता है.


कीचक वध की पांडवों ने योजना बनाई
कीचक एक बार फिर द्रौपदी के पास जाता है और कहता है कि उसे असलियत का पता चल चुका है. इस बात से द्रौपदी हैरान रह जाती हैं. कीचक द्रौपदी को रात में अपने कक्ष में आने के लिए कहता है, उसकी आज्ञा न मानने पर वह राज खोलने की धमकी देता है. इस बात की जानकारी द्रौपदी सभी पांडवों को देती हैं. पांडवों को बहुत क्रोध आता है. तब अर्जुन बताते हैं कि कीचक के मन में राजा बनने की इच्छा है. तब पांडव कीचक वध करने की एक योजना बनाते हैं.


भीम और अर्जुन ने बनाई ये योजना
कीचक राजा बनने की इच्छा दुर्योधन के सामने रखता है. कीचक दुर्योधन को भरोसा दिलाता है कि यदि वह राजा बन जाए तो वह पांडवों की हत्या कर देगा. शकुनि दुर्योधन को समझाता है कि पांडव अब कीचक को नहीं छोड़ेगे. पांडव कीचक का वध किए बिना नहीं रहेंगे क्योंकि वे द्रौपदी का अपमान सहन नहीं कर सकते है. शकुनि दुर्योधन से कहता कि रात में सभी पांडवों को पकड़ा जा सकता है. रात में पांडव जैसे ही कीचक को मारने आएंगे तो शोर होगा और तभी दुर्योधन अपने सैनिकों के साथ पांडवों को पकड़ ले. लेकिन इस बात का पता पांडवों का चल जाता है तब पांडव एक योजना बनाते हैं. पांडव द्रौपदी के स्थान पर भीम को महिला के कपड़ों में उसके कक्ष में भेज देते हैं. कीचक समझ नहीं पाता है और भीम को द्रौपदी समझ कर पकड़ लेता है तभी भीम कीचक को अपनी पकड़ में ले लेते हैं और उसका वध कर देते हैं. कोई शोर न हो इसके लिए अर्जुन किन्नर के रूप में संगीत पर नृत्य करने लगते हैं. इस प्रकार दुर्योधन और शकुनि को कुछ पता ही नहीं चलता है और कीचक वध भी हो जाता है.


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