महाभारत की कथा: शिशुपाल से होने जा रहा था रुक्मिणी का विवाह, फिर कृष्ण ने किया ये काम
Mahabharat: महाभारत की कथा कृष्ण के वर्णन के बिना अधूरी है. ऐसी ही एक कथा है श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह की. जिसकी खूब चर्चा होती है. आइए जानते हैं इस कथा के बारे में.
भगवान श्रीकृष्ण का विवाह रुक्मिणी से हुआ था लेकिन इसके लिए श्रीकृष्ण को बड़ी लड़ाई लड़नी पड़ी थी. रुक्मिणी के पिता और भाई की करीबी जरासंध, कंस और शिशुपाल से थी. ये सभी भगवान श्रीकृष्ण से शत्रुता रखते थे. श्रीकृष्ण से रुक्मिणी के विवाह में यही सबसे बड़ी बाधा थी. रुक्मिणी बहुत पहले ही श्रीकृष्ण को अपना पति मान चुकी थीं. श्रीकृष्ण भी रुक्मिणी को चाहते थे.
भीष्मक की पुत्री थीं रुक्मिणी रुक्मिणी राजा भीष्मक की पुत्री थीं. जो विदर्भ के राजा थे. रुक्मिणी देखने में बहुत सुंदर थीं लेकिन इसके साथ ही साथ वे बहुत बुद्धिमान भी थीं. उनका व्यवहार बहुत ही सौम्य था और उनके हृदय में करुणा थी.
श्रीकृष्ण से बहुत प्रभावित थीं रुक्मिणी रुक्मिणी बचपन से ही भगवान श्रीकृष्ण से प्रभावित थीं. आरंभ से ही वे उनकी वीरता और बुद्धिमता की कहानियां सुनती आ रही थीं. रुक्मिणी जब विवाह योग्य हुईं तो उनके पिता ने उनके सामने कई रिश्ते रखे लेकिन उन्हें कोई भी पसंद नहीं आया. इस पर उनके पिता को चिंता हुई.
शिशुपाल से तय हुआ रुक्मिणी का विवाह एक दिन पिता ने शिशुपाल से रुक्मणी का विवाह तय कर दिया, लेकिन रुक्मिणी को ये रिश्ता पसंद नहीं था. एक दिन रुक्मिणी ने दुखी होकर भगवान श्रीकृष्ण को एक पत्र लिखा.
पत्र पढ़कर श्रीकृष्ण ने किया ये फैसला
भगवान को जैसे ही रुक्मिणी का पत्र मिला वे समझ गए कि रुक्मिणी कोई बड़े संकट में है. भगवान श्रीकृष्ण भी रुक्मिणी को जानते थे क्योंकि उन्होंने भी रुक्मिणी की कई किस्से सुन रखे थे. पत्र पढ़ने के बाद श्रीकृष्ण ने अपने भाई बलराम को साथ रुक्मिणी से विवाह करने की योजना तैयार की.
श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का कर लिया हरण रुक्मिणी की विवाह की तैयारियां जोरों पर थी. मंडप सज चुका था. शिशुपाल बारात लेकर आ चुका था. लेकिन जैसे ही शिशुपाल बारात के साथ द्वार के पास पहुंचा उससे पहले ही श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का अपहरण कर वहां से निकल आए. रुक्मिणी के अपहरण की खबर जैसे ही पिता, भाई और शिशुपाल हुई सभी क्रोध में आ गए और सभी अपनी अपनी सेना लेकर श्रीकृष्ण के पीछे हो लिए.
भयंकर युद्ध में श्रीकृष्ण की विजय हुई श्रीकृष्ण को रोकने के लिए भयंकर युद्ध हुआ. श्रीकृष्ण ने शत्रुओं को पराजित कर दिया और भगवान श्रीकृष्ण रुक्मिणी को लेकर द्वारिका आ गए. जहां भव्य तरीके से दोनों का विवाह हुआ.
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