Mahabharat In Hindi: महाभारत की कथा में द्रौपदी की एक सशक्त महिला की तरह नजर आती हैं. द्रौपदी पंचाल देश की राजकुमारी थीं. द्रौपदी ने ही पांडवों को महाभारत का युद्ध जीतने के लिए प्रेरित किया और अपने साथ हुए अपमान का बदला लिया. द्रौपदी की एक दृढ़ निश्चियी महिला थीं. कुरुक्षेत्र में जाकर कौरवों के खून से द्रौपदी ने अपनी प्यास बुझाई थी, क्योंकि द्रौपदी ने इसका प्रण लिया था.
यज्ञ से उत्पन्न हुई थीं द्रौपदी
द्रौपदी के पिता द्रुपद पंचाल देश के राजा थे. इसी कारण द्रौपदी का पंचाली कहा जाता है. राजा द्रुपद ने कौरव वंश के नाश के लिए यज्ञ किया था. इस यज्ञ से उन्हें एक पुत्र और एक पुत्री की प्राप्ति हुई. यज्ञ से उत्पन्न होने के कारण द्रौपदी को याज्ञनिक भी कहा जाता है. यज्ञ से जो बालक पैदा हुआ उसका नाम धृष्टद्युम्न था. इस अलावा द्रौपदी को महाकाली का भी अवतार माना जाता है. द्रौपदी को पांचाली के अतिरिक्त यज्ञसेनी, महाभारती और सैरंध्री के नाम से भी जाना जाता है.
द्रौपदी से प्राप्त था शिवजी का वरदान
पूर्व जन्म में द्रौपदी विधवा हो गई थीं, जिस कारण उन्हें पति का सुख प्राप्त नहीं हुआ. इसलिए द्रौपदी ने अगला जन्म मिलने पर भगवान शिव को अपनी तपस्या से प्रसन्न किया. द्रौपदी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने वरदान मांगने को कहा. तब द्रौपदी ने सर्वगुणयुक्त पति प्राप्ति का वरदान शिवजी से मांगा. वरदान के कारण ही द्रौपदी को पांच पति प्राप्त हुए जो अलग अलग गुणों से युक्त थे. द्रौपदी को आजीवन कुंवारी रहने का भी वरदान प्राप्त था. जिस कारण द्रौपदी अपने सभी पतियों के साथ समान व्यवहार कर पाती थीं. सभी पतियों के साथ पत्नी धर्म को निभाते हुए भी द्रौपदी हमेशा कुंवारी रहीं.