Mahabharat In Hindi: भगवान श्रीकृष्ण और राधा का प्रेम उच्च कोटि प्रेम माना जाता था. राधा-कृष्ण का प्रेम सबसे पवित्र प्रेम था. इस प्रेम की आज भी मिसाल दी जाती है. राधा कृष्ण के प्रेम को आत्मा से परमात्मा का मिलन माना गया है. प्रेम के रहस्यवाद का श्रेष्ठ उदाहरण है राधा-कृष्ण का प्रेम.
3 साल 11 दिन बड़ी थीं राधा,कान्हा से
राधा कृष्ण से 3 साल 11 दिन बड़ी थीं. एक प्रसंग के अनुसार जब राधा 11 दिन की थी और कृष्ण एक दिन के थे तभी दोनों की पहली मुलाकात हुई थी. भगवान श्रीकृष्ण जब 8 साल के थे तभी पहली बार उन्हें राधा से प्रेम की अनुभूति हुई थी.
राधा और बांसुरी से था प्यार
भगवान श्रीकृष्ण को दो ही चीजों से प्यार था. राधा और बांसुरी से. कहते हैं कि जब राधा का अंत समय आया तो भगवान श्रीकृष्ण उनसे मिलने आए. कृष्ण ने राधा की कमजोर अवस्था को देखकर उनसे हाल पूछा और पुराने दिनों को याद किया. राधा से भगवान श्रीकृष्ण ने कुछ मांगने को कहा तो राधा ने कहा कि वे उन्हें अपनी मुरीली की तान सुना दें. भगवान ने अपनी बांसुरी निकाली और सुरीली तान निकाली, राधा ने मुरीली की धुन को सुनते सुनते अपने प्राणों को त्याग दिया. राधा की मृत्यु से भगवान श्रीकृष्ण को बहुत दुख और इसी दुख के कारण उन्होंने अपनी प्रिय बांसुरी को तोड़ दिया. कहते है कि राधा के जाने का वियोग भगवान श्रीकृष्ण सहन नहीं कर सके और इसी कारण बांसुरी को तोड़ दिया. इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने कभी कोई वाद्य यंत्र नहीं बजाया.
राधा-कृष्ण, एक दूसरे के मन की बात जान लेते थे
राधा और कृष्णा का प्रेम इतना गहरा और पवित्र था कि दोनों एक दूसरे की मन की बात को समझ लेते थे. श्रीकृष्ण पहली बार राधा से तब अलग हुईं थी. जब मामा कंस ने बलराम और कृष्ण को मथुरा आमंत्रित किया था. मथुरा जाने से पहले श्रीकृष्ण राधा से मिले थे. राधा, कृष्ण के मन में चल रही हर गतिविधि को जानती थीं. राधा को अलविदा कह कृष्ण उनसे दूर चले गए.
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