Mahabharat In Hindi: श्रीकृष्ण की प्रिय बहन थीं सुभद्रा. भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर ही अर्जुन ने सुभद्रा से विवाह किया था. सुभद्रा बलराम की भी बहन थीं. अर्जुन ने सुभद्रा का अपहरण कर लिया था. जिसके पीछे एक रोचक कथा है.


एक कथा के अनुसार रैवतक नामक पर्वत पर एक आयोजन किया गया. इस आयोजन का एक उत्सव की तरह आयोजित किया गया. कई शूरवीर भी इस आयोजन में आए. श्रीकृष्ण और अर्जुन भी इस आयोजन का आनंद उठाने पहुंचे. वहां पर सुभद्रा भी मौजूद थे. अर्जुन सुभद्रा को देखकर मोहित हो गए. भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन के भाव को समझ गए. तब उन्होंने कहा कि सुभद्रा विवाह के लिए इंकार भी कर सकती है. ऐसी स्थिति में उन्होंने अर्जुन को सुभद्रा का हरण करने के विकल्प के बारे में भी बताया. अर्जुन ने ऐसा ही किया. अर्जुन ने सुभद्रा का बलपूर्वक हरण कर लिया. इस घटना से हड़कंप मच गया. श्रीकृष्ण शांत रहे. इस पर बलराम को शक हुआ और भगवान श्रीकृष्ण से इस शांति का अर्थ पूछा.


तब श्रीकृष्ण ने उन्हें विनम्रता से समझाया. श्रीकृष्ण ने बताया कि अर्जुन को कोई पराजित नहीं कर सकता है. अर्जुन का कुल भी उत्तम है. इस दृष्टि से सुभद्रा और अर्जुन के विवाह में कोई दोष नहीं है. इस लिए युद्ध का विचार त्याग देना चाहिए और अर्जुन के पास जाकर स्वयं ही सुभद्रा को दे देना चाहिए. क्योंकि अर्जुन सुभद्रा को लेकर यदि हस्तिनापुर ले गए तो संदेश अच्छा नहीं जाएगा. श्रीकृष्ण की यह बात सभी की समझ में आ गई और स्वीकृति प्रदान कर दी. इसके बाद द्वारका में सुभद्रा का विवाह संपन्न कराया गया. बाद में सुभद्रा ने अभिमन्यु को जन्म दिया.


कौन थीं सुभद्रा?
सुभद्रा वासुदेव की दूसरी पत्नी रोहिणी की पुत्री थीं. वासुदेव ने दो विवाह किए थे. श्रीकृष्ण देवकी के पुत्र थे जबकि सुभद्रा रोहिणी की पुत्री थीं. बलराम रोहिणी के ही पुत्र थे. इसीलिए सुभद्रा के हरण पर बलराम ने क्रोण व्यक्त किया था. कुंती श्रीकृष्ण की बुआ थीं. बलराम पहले सुभद्रा का विवाह कौरव वंश में करना चाहते थे.


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