Mahabharat: राम ने ही नहीं श्रीकृष्ण ने भी तोड़ दिया था शिव का धनुष, कंस की उड़ गई नींद
Mahabharat Katha: शिवजी के धनुष को सबसे शक्तिशाली धनुष माना गया है. भगवान राम ने सीता स्वयंवर के समय इस धनुष को तोड़ दिया था. लेकिन क्या जानते हैं कि भगवान शिव के धनुष को भगवान श्रीकृष्ण भी तोड़ चुके हैं. इस धनुष के टुटने के बाद क्या हुआ आइए जानते हैं.
Mahabharat In Hindi:भगवान शिव के धनुष का वर्णन महाभारत की कथा में भी आता है. एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने भी शिवजी का धनुष तोड़ दिया था. शिवजी के धनुष के टुटते ही कंस के पसीने छूट गए थे. भगवान श्रीकृष्ण द्वारा शिवजी के धनुष तोड़ने की घटना बेहद रोचक है.
कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं. भगवान श्रीकृष्ण ने बालपन में कई लीलाएं रचीं. इसमें से एक कंस वध की भी लीला है. कंस एक अत्याचारी राजा था. मथुरा पर उसका राज था. मथुरा की जनता उसके कृत्यों से बहुत दुखी थी. कंस रिश्ते में भगवान श्रीकृष्ण का मामा था.
ऐसे तोड़ा शिवजी का धनुष एक बार कंस ने अक्रूरजी के हाथों से श्रीकृष्ण को मथुरा बुलाने का निमंत्रण भिजवाया. इसके पीछे कंस की एक गहरी साजिश थी. कंस भगवान श्रीकृष्ण को बुलाकर उनकी हत्या की योजना बनाकर बैठा हुआ था.
श्रीकृष्ण ने मथुरा आने का निमंत्रण स्वीकार किया श्रीकृष्ण ने कंस का मथुरा आने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया. यहां पर उसने धनुष यज्ञ का आयोजन किया था. अक्रूरजी ने भगवान श्रीकृष्ण को बताया कि कंस ने मथुरा में धनुष यज्ञ का आयोजन किया है जिसमें आपको को भी ससम्मान बुलाया गया है. भगवान श्रीकृष्ण अक्रूरजी के साथ मथुरा के लिए प्रस्थान कर गए. लेकिन कंस से मिलने से पहले श्रीकृष्ण के मन में मथुरा की भव्यता को देखने की इच्छा हुई.
मंदिर में रखा था शिवजी का धनुष मथुरा नगर का भ्रमण करते करते भगवान श्रीकृष्ण उस मंदिर के द्वार पर पहुंच गए जहां पर धनुष यज्ञ का आयोजन होना था. श्रीकृष्ण के मन में इस धनुष को देखने की अभिलाषा जागृत हुई. श्रीकृष्ण इस धनुष को स्पर्श कर उठाना चाहते थे. श्रीकृष्ण ने मंदिर के वरिष्ठ पुजारी से इस धनुष को उठाने की अपनी इच्छा बताई. धनुष कड़ी सुरक्षा में रखा हुआ था इसलिए पुजारी ने सैनिकों से बात की और कहा कि कोई बालक है जो इस धनुष को उठाना चाहता है.
सैनिकों ने श्रीकृष्ण का उड़ाया मजाक जब श्रीकृष्ण की धनुष उठाने के बारे में सैनिकों ने सुना तो, सैनिकों ने श्रीकृष्ण का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया. लेकिन श्रीकृष्ण ने खेल खेल में ही उस धनुष को उठाकर तोड़ दिया. धनुष के टूटते ही सन्नाटा पसर गया. सैनिकों के होश उड़ गए. मंदिर के पुजारी देखते ही रह गए. धनुष टूटने की खबर मथुरा में जंगल में आग की तरह फैल गई. पूरे मथुरा में इस बात का शोर हो गया कि एक बालक ने शिवजी के धनुष को तोड़ दिया है.
मथुरा के लोगों में दौड़ी हर्ष की लहर धनुष टूटने की खबर सुनकर मथुरावासियों में खुशी की लहर दौड़ गई. धनुष टूटते ही इन्हें लगने लगा कि अब उनके दुखभरे दिन बीतने वाले हैं.
कंस के सताने लगा अपनी मौत का भय धनुष टुटने की खबर जब कंस को मिली तो उसे ऐसा महसूस हुआ कि जैसे किसी ने उसके पैरों से जमीन खींच ली हो. कंस बुरी तरह से भयभीत हो गया. क्योंकि एक भविष्यवाणी हुई थी, जिसमें कहा गया था कि जो भी इस धनुष को उठाकर तोड़ देगा उसी के हाथों कंस का वध होगा. इस घटना के अगले दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध कर दिया.
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