(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mahabharat: महाभारत के सबसे कुटिल पात्र शकुनि का किसने किया था वध, जानें उसके 'पासे' का राज
Mahabharat In Hindi: महाभारत का युद्ध धर्म और अर्धम के बीच लड़ा गया था. महाभारत का युद्ध कराने में शकुनि की अहम भूमिका थी. शकुनि महाभारत का सबसे कुटिल पात्र था. शकुनि की कुटिल चालों का परिणाम ही महाभारत का युद्ध था.
Story Of Shakuni Mama: शकुनि का नाम आते है व्यक्ति के मस्तिष्क में एक कुटिल, चालक और धूर्त व्यक्ति की छवि बनकर उभरती है. शकुनि का चरित्र कुछ ऐसा ही था. वह दुर्याेधन का मामा और का गांधारी भाई था. मामा शकुनि अपने भांजे दुर्योधन को हस्तिनापुर के सिहांसन पर बैठाना चाहता है. इसके लिए वह तरह तरह के साजिशों को अंजाम देता रहता था. महाभारत के युद्ध में शकुनि का सहदेव ने वध किया था.
शकुनि कौन था शकुनि गंधार साम्राज्य का राजा था. गंधार अफ़ग़ानिस्तान में है. शकुनि धृतराष्ट्र का साला था. गांधारी शकुनि की बहन थी. गांधारी का विवाह धृतराष्ट्र से हुआ था. इस कारण वह कौरवों का मामा था.
शकुनि मन ही मन कौरवों से करता था नफरत शकुनि को लेकर यह कथा भी प्रचलित है कि शकुनि कौरवों से नफरत करता था. कहा जाता है कि भीष्म जब धृतराष्ट्र के लिए गांधारी का हाथ माँगने तो उन्होंने धृतराष्ट्र के अंधे होने की जानकारी नहीं दी. यह जाने बिना ही गांधारी के पिता सुबल ने इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया. लेकिन जब यह बात शकुनि को ज्ञात हुई तो उसने इसका विरोध किया. लेकिन गांधारी अब तक धृतराष्ट्र को अपना पति मान चुकी थी. इसलिए शकुनि ने उसी दिन कौरवों का नाश करने का प्रण लिया. बाद में शकुनि ही इस युद्ध का प्रमुख कारण बना.
शकुनि ने पिता की रीढ़ की हड्डी से बनाए थे पासे शकुनि जुआ खेलने में निपुण था. चौसर गेम का शकुनि जानकार था. शकुनि हमेशा अपने पास पासे रखता था. ये पासे बहुत ही विशेष थे. कहा जाता है कि शकुनि ने अपने पिता की मृत्यु के बाद उनकी रीढ़ की हड्डी से इन पासों का निर्माण किया था. ये पासे शकुनि के मुताकि कार्य करते थे. शकुनि ने ही कौरवों को जुआ खेलने की लत लगाई.
पांडवों को मरने की रचता रहता था साजिश शकुनि का हर समय पांडवों को मरने की साजिश बनाता रहता था. एक बार उसने सभी पांडवों को मारने के लिए विशेष प्रकार का लाक्षागृह का निर्माण कराया. लेकिन उसकी इस योजना पर विदुर ने पानी फेर दिया और पांडव बच निकले. शकुनि पैर से लंगड़ा था लेकिन चौसर खेलने में बहुत ही माहिर था. इसीलिए दुर्योधन से कहकर उसने पांडवों को जुआ खेलने के लिए राजी किया था. जिसके चलते युधिष्ठिर अपना सबकुछ हर गए. इसके बाद शकुनि ने एक शर्त रखी. शर्त में उसने द्रौपदी के बदले युधिष्ठिर को सारा राजपाट वापिस करने के लिए कहा. जुआ में युधिष्ठिर द्रौपदी को भी हार गए. बाद में द्रौपदी का अपमान ही महाभारत का एक प्रमुख कारण बना.
महाभारत के युद्ध में सहदेव ने शकुनि का वध किया महाभारत का युद्ध 18 दिनों तक चला था. युद्ध के 18 वें दिन सहदेव ने शकुनि का वध कर दिया. इस प्रकार सहदेव के हाथों शकुनि की मृत्यु हुई. सहदेव पांच पांडवों में से एक और सबसे छोटे थे. सहदेव त्रिकालदर्शी थे.
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