Mahabharat: क्या सही में भीम ने द्रौपदी के बालों को खून से धोने की प्रतिज्ञा ली थी ? क्या है सच्चाई
Mahabharat: महाभारत के अनुसार भीम ने द्रौपदी (Draupadi) के बालों को खून से धोने का प्रण लिया था, क्या है इसकी सच्चाई. आइए जानते हैं.
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Mahabharat: महाभारत के अनुसार द्रौपदी अर्जुन को सबसे अधिक प्रेम करती थीं लेकिन उन्हें पांचों पांडव में से सबसे अधिक लगाव भीम से था. कहते हैं कि वो भीम (Bheem) ही थे जिन्होंने चीर हरण की घटना के दौरान द्रौपदी के साथ होने वाले अन्याय पर सबसे पहले विरोध किया था.
महाभारत के दौरान कई ऐसी प्रतिज्ञाएं ली गई जो युद्ध का कारण बनी, जिसमें लाखों योद्धा मारे गए. इन्हीं प्रतिज्ञा में से भीम ने द्रौपदी (Draupadi) के बालों को खून से धोने का प्रण लिया था, क्या है इसकी सच्चाई. आइए जानते हैं.
भीम ने क्यों ली दोपद्री के बालों को खून से धोने की प्रतिज्ञा ?
महाभारत में द्युतक्रीड़ा के समय युद्धिष्ठिर ने द्रौपदी को दांव पर लगा दिया और दुर्योधन की ओर से मामा शकुनि ने द्रोपदी को जीत लिया. दुशासन द्रौपदी को बालों से पकड़कर घसीटते हुए सभा में ले आया. पांडव खेल के नियमों का पालन करते हुए मौन रहे लेकिन प्रतिशोध की ज्वाला उनमें जल रही थी. भीम ने जब दुशासन को द्रौपदी के बाल खींचकर घसीटते हुए ले जाते देखा, तो भीम ने प्रतिज्ञा ली कि वह दुर्योधन और दुशासन के खून से द्रौपदी के बाल को धोएगा और दुशासन के रक्त का पान करेगा.
दुशासन का वध कर भीम ने पूरी की प्रतिज्ञा
वस्त्रहरण के बाद अपने अपमान से आहत होकर द्रौपदी ने भीम से कहा था कि जब तक दुशासन की छाती का खून नहीं लाओगे, तब तक मैं अपने बाल नहीं बांधूंगी. द्रोपदी ने 13 साल तक अपने बाल नहीं बांधे थे. कुरूक्षेत्र के युद्ध में भीम ने दुशासन की छाती फाड़कर रक्त पीने की सौगंध को पूरा किया.
क्या भीम ने पीया दुशासन का खून ?
महाभारत के अनुसार, युद्ध समाप्त होने के बाद पांडव जब धृतराष्ट्र व गांधारी से मिलने गए तब गांधारी ने भीम से पूछा तुमने दु:शासन का खून पिया. भीम बोले कि उन्होंने अपनी प्रतिज्ञा जरुर पूरी की लेकिन दु:शासन का खून मेरे दांतों से आगे नहीं गया.
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