महाभारत की कथा: धृतराष्ट्र यदि मान लेते इस विद्वान की बात तो नहीं होता महाभारत का युद्ध
Mahabharat: महाभारत के प्रभावशाली पात्रों की जब भी बात आती है तो इनमें एक नाम विदुर का भी आता है. विदुर जिन्हें महाराज विधुर के नाम से भी जाना जाता है. भगवान श्रीकृष्ण भी विदुर का सम्मान करते थे. आइए जानते हैं विदुर के बारे में-
विदुर ही सबसे पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होने महाराज धृतराष्ट्र को सबसे कह दिया था कि महाभारत का युद्ध कौरवों का विनाश करेगा. विदुर विद्वान थे उन्हें अच्छे बुरे का भेद पता था. इसीलिए उनका सम्मान सभी करते थे.
विदूर को धर्मराज का अवतान माना गया है. विदुर ने सभी तीर्थ स्थलों का भ्रमण किया था. इसके बाद जब वे हस्तिनापुर आए तो युधिष्ठिर, भीम अर्जुन, नकुल सहदेव, धृतराष्ट्र, युयुत्सु, संजय, कृपाचार्य, कुन्ती गांधारी, द्रौपदी, सुभद्रा, उत्तरा और कृपी उनके दर्शन के लिए आए. ये उनका सम्मान था. हर कोई उनका आदर करता था.
महाभारत के परिणाम को जानते थे विदुर विदुर ही पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें महाभारत के परिणाम के बारे में अभास हो गया था. धृतराष्ट्र से उनका जब महाभारत को लेकर संवाद हुआ तो विदुर ने एक पल गंवाए राजा धृतराष्ट्र से कह दिया था कि महाराज इस युद्ध को टालने का प्रयास करें. लेकिन पुत्र मोह में फंसे होने के कारण धृतराष्ट्र भविष्य के विनाश को नहीं देख सके. कहते हैं विदुर की बात यदि धृतराष्ट्र मान लेते तो महाभारत का युद्ध टाला जा सकता था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और विदुर की भविष्यवाणी सच साबित हुई.
Chanakya Niti: एक किसान की तरह पिता को अपनी संतान की करनी चाहिए परवरिश, इन बातों को कभी न भूलें