RakshaBandhan : महाभारतकाल में दो रक्षासूत्रों ने कराया था कुरुवंश का नाश
रक्षाबंधन सिर्फ भाई-बहन नहीं, बल्कि सुरक्षा, विश्वास और प्रेम से भरे हर रिश्ते के सम्मान के लिए मनाया जाता है, इतिहास में कई मौकों पर इन रक्षा सूत्रों की मदद से बिगड़े काम बने हैं.
RakshaBandhan : महाभारत में द्रौपदी ही नहीं, युधिष्ठिर ने भी संकट में घिरने पर रक्षा सूत्र बांधकर विजय पाई थी. महाभारत काल के दौरान इंद्रप्रस्थ में जब राजसूय यज्ञ के दौरान कृष्ण को शिशुपाल के अपशब्दों पर उसका वध करना पड़ा तो सुदर्शन चक्र लौटते हुए कृष्ण की छोटी उंगली को काट गया. इससे खून की फव्वारा छूट पड़ा, यह देखकर द्रौपदी आगे आईं और उन्होंने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ कर उंगली के घाव पर बांध दिया. इससे खुश होकर श्री कृष्ण ने द्रौपदी को वचन दिया था कि वह उनके पल्लू के बांधे गए एक-एक धागे का कर्ज चुकाएंगे.
इस ऋण को श्रीकृष्ण ने कौरवों की राजसभा में उस वक्त उतारा, जब दुशासन चौपड़ में दांव हारने के बाद द्रौपदी को घसीटते हुए चीरहरण कर रहा था, इस दौरान सबसे उम्मीदें छोड़ चुकी द्रौपदी ने कृष्ण को याद किया तो कृष्ण ने खुद न आकर उनकी साड़ी इतनी लंबी कर दी, उसे खींचता हुआ दुशासन बेहोश होकर गिर गया. इसके बाद महाभारत युद्ध के दौरान जब भीष्म पितामह, गुरु द्रोण और महाबली कर्ण पांडव सेना का विनाश करने में जुटे थे तो घबराए युधिष्ठिर ने कृष्ण से पूछा, हे वासुदेव मैं आखिर कैसे इन योद्धाओं को हराकर विजय श्री प्राप्त कर सकूंगा. कृष्ण ने उन्हें उपाय सुझाया कि बड़े भैया आप अपने सभी सैनिकों को रक्षा सूत्र बांध दें, इससे उनकी और आप की विजय सुनिश्चित होगी. कृष्ण के कहे अनुसार अपने सभी सैनिकों को रक्षा सूत्र बांधा और अंत में उनकी विजय हुई. कहा जाता है कि यह घटना भी श्रावण पूर्णिमा के दिन घटित हुई थी, तब से युद्ध पर जाने वाले योद्धाओं को पवित्र रक्षा सूत्र बांधने का भी परंपरा शुरू हो गई.
इस बार शुभ मुहुर्त
इस वर्ष पंचांग के मुताबिक श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त 2021 की शाम 03:45 मिनट से शुरू होगी. पूर्णिमा तिथि 22 अगस्त को शाम 5.58 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि अनुसार रक्षाबंधन 22 अगस्त 2021 रविवार को मनाया जाएगा.
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