लक्ष्मी पूजा : आरती से प्रसन्न होती हैं मां वैष्णवी, जानें पूरी आरती
लक्ष्मी जी की आरती गाने से कृपा मिलती है. धन धान्य की देवी माता लक्ष्मी को हर कोई जल्द से जल्द प्रसन्न करना चाहता है ताकि उनके जीवन में सुख समृद्धि और वैभव की प्राप्ति हो. आरती से धन की देवी माता लक्ष्मी विष्णुप्रिया वैष्णवी शीघ्र प्रसन्न होती हैं.
पौराणिक मान्यता है कि घर में सकारात्मक उर्जा का प्रवाहित होने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में वास करने लगती हैं. इसके साथ ही लोग अपने घर में प्रतिदिन माता की आरती करते हैं. उनकी आरती हिन्दी में उपलब्ध है. लोग उसे पूरे मनोयोग से गाते हैं.
आरती की सुन्दर पंक्तियों के भाव में लक्ष्मी जी के महत्व को दर्शाया गया है. जब कोई भाव हमारी प्रार्थनाओं में लगातार आता है तो पूरे घर का वातावरण उस भाव में रंगने लगता है. घर का हर सदस्य के मन में प्रार्थनाओं के अर्थ खुलने लगते हैं. अवचेतन मन प्रार्थनाओं के अनुसार कार्य करने लगता है. घर का हर सदस्य कण-कण जोड़ने में लग जाता है और लक्ष्मी की कृपा बरसने लगती है.
लक्ष्मी जी की आरती-
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जगमाता।
सूर्य, चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
तुम पाताल निवासनी, तुम ही शुभ दाता।
कर्म प्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्तु न कोई पाता।
खान पान का वैभव सब तुमसे आता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
शुभ्र गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई नर गाता।
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।
आरती को गाने के बाद तुलसी चौरा में आरती जरूर दिखानी चाहिए उसके बाद सपरिवार आरती लेनी चाहिए.