Kab Hai Mahalaxmi Vrat 2024: महालक्ष्मी व्रत का हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में विशेष महत्व है. वैसे तो यह खासतौर महाराष्ट्र में मनाया जाता है. लेकिन इसके साथ ही देश के अन्य क्षेत्रों में भी लोग इस व्रत को करते हैं. इसमें मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) के विभिन्न रूपों में पूजा होती है.


मान्यता है कि महालक्ष्मी व्रत रखने और पूजन करने वालों पर देवी लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) की कृपा बनी रहती है और उसे जीवन में आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है. आइये जानते हैं इस साल 2024 में कब रखा जाएगा महालक्ष्मी व्रत. साथ ही जानते हैं महालक्ष्मी व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कथा-


महालक्ष्मी व्रत 2024 तिथि और मुहूर्त (Mahalaxmi Vrat 2024 Date and Shubh Muhurat)


महालक्ष्मी व्रत गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के पांच दिन बाद रखा जाता है. पंचांग के अनुसार इसकी शुरुआत भाद्रपद (Bhadrapada) माह के शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि से होती है और समापन आश्विन माह (Ashwin 2024) के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को होता है. इस तरह पूरे 16 दिनों तक महालक्ष्मी व्रत रखा जाता है.


इस साल 11 सितंबर 2024 से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होगी और 24 सितंबर 2024 को इसका समापन होगा. 11 सितंबर को महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत आयुष्मान और प्रीति योग के साथ होगी.


महालक्ष्मी व्रत 2024 पूजा विधि (Mahalaxmi Vrat 2024 Puja Vidhi)


महालक्ष्मी व्रत के दिन सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. इसके बाद पूजा की तैयारी करें. एक चौकी पर लाल या पीले रंग का साफ कपड़ा बिछाकर देवी लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित कर लें. अब घी का दीपक जलाएं. पूजा में मां को लाल रंग के फूल, अक्षत, सिंदूर और श्रृंगार का सामान अर्पित कर भोग लगाएं. इसके बाद महालक्ष्मी व्रत की कथा पढ़ें और आरती करें.


महालक्ष्मी व्रत कथा (Mahalaxmi Vrat Katha in Hindi)


एक गांव में एक गरीब ब्राह्मणी रहती थी. वह नियमित भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करती थी. भक्त की श्रद्धा-भक्ति से प्रसन्न होकर विष्णुजी ने उसे दर्शन दिए और भक्त से वरदान मांगने को कहा. ब्राह्मणी ने कहा कि, मैं बहुत गरीब हूं मेरी इच्छा है कि मेरे घर पर मां लक्ष्मी का वास रहे.


विष्णुजी (Vishnu ji) ने ब्राह्मणी को एक उपाय बताया, जिससे कि उसके घर में मां लक्ष्मी का आगमन हो. भगवान विष्णु ने बताया कि, तुम्हारे घर से कुछ दूर एक मंदिर है वहां एक स्त्री आकर उपले थापती है. तुम उस स्त्री को अपने घर पर आमंत्रित करो. क्योंकि वही मां लक्ष्मी है. ब्राह्मणी ने ऐसा ही किया और उस स्त्री को अपने घर आने का निमंत्रण दिया. उस स्त्री ने ब्राह्मणी से कहा कि वह 16 दिनों तक मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) की पूजा करें.


ब्राह्मणी ने 16 दिनों तक मां लक्ष्मी की उपासना की. इसके बाद मां लक्ष्मी ने गरीब ब्राह्मणी के घर निवास किया. इसके बाद उसका घर धन-धान्य से भर गया. मान्यता है कि, तभी से 16 दिनों तक चलने वाले महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत हुई. जो व्यक्ति 16 दिनों तक महालक्ष्मी व्रत रखकर लक्ष्मी जी की उपासना करता है मां लक्ष्मी उससे प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.


महालक्ष्मी व्रत विधि (Mahalaxmi Vrat 2024 Niyam)


महालक्ष्मी व्रत पूरे 16 दिनों तक रखा जाता है. हालांकि यह निर्जला व्रत (Nirjala Vrat) नहीं होता, लेकिन अन्न ग्रहण करने की मनाही होती है. आप इस व्रत को फलाहार रख सकते हैं. 16वें दिन व्रत का उद्यापन (Mahalaxmi Vrat 2024 Udyapan) किया जाता है. यदि आप 16 दिनों तक महालक्ष्मी व्रत करने में असमर्थ हैं तो शुरुआत के 3 या आखिर के 3 व्रत रख सकते हैं.


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