Panchak March 2021: महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च को है. पंचांग के अनुसार इस दिन फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी की तिथि है. इस दिन बुध ग्रह का राशि परिवर्तन भी होने जा रहा है. इसके साथ ही एक विशेष संयोग भी बन रहा है. महाशिवरात्रि के दिन ही पंचक आरंभ हो रहे हैं.


पंचक कब है?
ज्योतिष गणना के अनसुार 11 मार्च को प्रात: 09 बजकर 21 मिनट से पंचक आरंभ हो रहे हैं. पंचक का समापन 16 मार्च की सुबह 04 बजकर 44 मिनट पर होगा. पंचक के दौरान कुछ कार्यों को वर्जित माना गया है. इसलिए पंचक को महत्वपूर्ण बताया गया है.


पंचक में वर्जित कार्य
पंचक में 5 प्रकार के कार्यों को वर्जित माना गया है. इन कार्यों को छोड़कर शेष कार्यों को किया जा सकता है. लेकिन लकड़ी को एकत्र करना, पंलग खरीद कर घर पर लाना या उसका निर्माण कराना, घर की छत का निर्माण कराना और दक्षिण दिशा की यात्रा करना अशुभ माना गया है.


पंचक का निर्माण कैसे होता है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक का निर्माण नक्षत्रों के मेल से होता है. जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि पर रहता है. तो इस समय पंचक काल का निर्माण होता है. पंचांग के अनुसार 11 मार्च को प्रात: 09 बजकर 21 मिनट तक चंद्रमा मकर राशि के बाद कुंभ राशि में गोचर करेगा. पंचक के दौरान घनिष्ठा से रेवती तक जो पांच नक्षत्र होते हैं, उन्हे पंचक कहा जाता है. ये नक्षत्र घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र हैं.


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