MahaShivratri 2021 Date: पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि का पवित्र पर्व इस वर्ष 11 मार्च 2021 को मनाया जाएगा. इस दिन फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी की तिथि है. महाशिवरात्रि का पर्व विशेष धार्मिक महत्व का बताया जाता है. महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस दिन भगवान शिव और शिव परिवार की पूजा करने से राहु और केतु का दोष भी शांत होता है.


राहु और केतु का फल
ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु का पाप ग्रह माना गया है. राहु और केतु जन्म कुंडली में यदि अशुभ स्थिति में बैठे हैं या फिर राहु और केतु की महादशा चल रही है तो जीवन में कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. राहु और केतु शुभ होने पर शानदार फल भी प्रदान करते हैं, लेकिन इन दोनों से निर्मित होने वाला कोई दोष यदि कुंडली में है तो व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियां उठानी पड़ती है.


कालसर्प दोष और पितृ दोष शांत होता है
महाशिवरात्रि के दिन विशेष योग बन रहा है. पंचांग की गणना के अनुसार इस बार महाशिरात्रि का पर्व शिव योग में मनाया जाएगा. इसलिए इस शिवरात्रि का महत्व बढ़ जाता है. जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष, पितृ दोष, गुरू चंडाल योग, अंगारक योग या फिर राहु और केतु से बनने वाला कोई भी अशुभ योग है तो इस दिन भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करने से लाभ प्राप्त होता है.


शिव दर्शन का महत्व
महाशिवरात्रि पर शिव दर्शन का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन प्रात: काल स्नान करने के बाद भगवान शिव के दर्शन करने चाहिए. इस दिन ज्योतिर्लिंग के भी दर्शन करना अत्यंत शुभ माना गया है. इन स्थानों पर भी राहु और केतु शांति का उपाय कराया जा सकता है.


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