Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि 2022 के दिन भगवान शिव की पूजा (Lor Shiv Puja) का विधान है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन शिवजी और माता पार्वती की विवाह हुआ था. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि मनाई जाती है. इस बार महाशिवरात्रि पर खास संयोग बन रहा है. मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा विशेष फलदायी होती है. कहते है कि इस दिन शिव पुराण का पाठ करने से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं.
ऐसा भी माना जाता है इस दिन संतान प्राप्ति के लिए शिव पुराण का पाठ करना लाभदायी है. लेकिन शिव पुराण का पाठ करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. आइए जानें शिव पुराण से जुड़ी ये सावधानियां.
शिव पुराण पाठ में बरतें सावधानियां
- धार्मिक मान्यता है कि शिव पुराण का पाठ करने या सुनने से मन और शरीर का पवित्र होना जरूरी है. स्नान आदि के बाद साफ वस्त्र धारण करें और शिव जी के प्रति सच्ची श्रद्धा रखें. किसी के प्रति द्वेष भावना न रखें.
- ऐसी मान्यता है कि पाठ के दौरान किसी की निंदा या चुंगली करने से पाठ का पूर्ण लाभ नहीं मिलता. इस दौरान शुद्ध और सात्विक भोजन का सेवन ही करें.
- इस दौरान तामसिक पदार्थों का सेवन निषेध होता है. मान्यता है कि शिव पुराण के दौरान किसी भी पाप कर्म से बचें. इस बात का भी ध्यान रखें कि किसी का दिल न दुखाएं.
संतान प्राप्ति की कामना होती है पूरी
ग्रंथों में शिव पुराण को एक पवित्र ग्रंथ माना गया है. इसमें शिव जी की महिमा का बखूबी वर्णन किया गया है. मान्यता है कि इसका पाठ करने या सुनने से साधक की सभी मनोकामना पूर्ण होती है. साथ ही, संतान की इच्छा रखने वाले साधकों की कामना भी पूरी होती है. वैवाहिक जीवन में आ रहे कष्टों को दूर करने के लिए भी शिव पुराण का पाठ किया जाता है. इससे जीवन के सभी पाप कर्म नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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