Mahashivratri 2023 Puja : शिवरात्रि के आते ही शिव भक्त , भोलेनाथ की भक्ति में लग जाते हैं. साथ ही भोलेनाथ कितने भोले हैं कि मात्र एक जल के लोटे और बेल पत्र से प्रभावित हो जाते हैं और अपने भक्तों को मनोवांछित फल देते हैं. बेलपत्र शिव जी को अति प्रिय है. इसीलिए भोलेनाथ को कुछ अर्पित करें ना करें लेकिन बेलपत्र जरुर अर्पित करने चाहिए.


लेकिन काफी लोग बेलपत्र चढ़ाने में कुछ गलतियां करते है.अक्सर लोगों को यह नहीं पता होता कि भगवान पर कितने बेल पत्र चढ़ाए, कम चढ़ाए या ज्यादा, बेलपत्र भी मंत्र और विधि सहित चढ़ाने से ही फायदा होता हैं. 



 


शिव जी को कितने बेलपत्र अर्पित करें



  • सभी अपनी इच्छा अनुसार 11 या 21 बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं.

  • बेलपत्र को साफ पानी से धोने के बाद, दूध से भरे कटोरे में डाल दीजिए.

  • फिर गंगाजल से धो लीजिए, बेलपत्र पर चंदन से “ॐ” बना लीजिए.

  • “ओम नम: शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए एक-एक बेलपत्र चढ़ाए.


इन बातों का रखें ध्यान



  • बेलपत्र का चिकना हिस्सा शिवलिंग के ऊपर वाले भाग में होना चाहिए.

  • बेलपत्र में चक्र और वज्र नहीं होना चाहिए, ऐसे बेलपत्र खंडित माने जाते है.

  • बेलपत्र की पत्तिया कटी या फटी नहीं होनी चाहिए. 


कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का लाभ के बारे में भी बताया है. ऐसा माना जाता है कि भगवान भोलेनाथ बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. लेकिन जो भक्त भगवान भोलेनाथ की पूजा करते समय उन्हें बेलपत्र अर्पित करता है, उसको बहुत लाभ होता है. महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को जो भक्त बेल अर्पित करते हैं उनकी धन संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं. इसके साथ ही जो पति-पत्नी एक साथ महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव पर बेलपत्र चढ़ाते हैं उनका वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है. साथ ही संतान सुख की प्राप्ति भी होती है.


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