Mahashivratri 2023 Puja, Muhurat, Yoga and Upay: महाशिवरात्रि का दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा-अराधना के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन यदि आपकी भक्ति से भोलेनाथ प्रसन्न हो गए तो समझिए आपके सारे बिगड़े काम बन जाएंगे और आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी. बता दें कि इस साल महाशिवरात्रि का पर्व शनिवार 18 फरवरी 2023 को है.


दुर्लभ संयोग में मनेगी महाशिवरात्रि


ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास बताते हैं कि हर साल यह पर्व फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी को है. इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. इस बार की महाशिवरात्रि और भी खास होगी, क्‍योंकि इस दिन शनि प्रदोष के साथ ही कई दुर्लभ योग भी बन रहे हैं.


शनि प्रदोष का महाशिवरात्रि के साथ होना दुर्लभ संयोग माना जाता है जोकि शनि दोष को दूर करने में बेहद कारगर है. शुभ संयोग और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की आराधना करने से उनके भक्तों को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होगी. इस दिन सुबह से ही मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ जमा हो जाती है. भक्त भोलेनाथ की पूजा-अर्चना में जुट जाते हैं. तो वहीं कई लोग इस दिन अपने-अपने घरों में रुद्राभिषेक भी कराते हैं. भगवान भोलेनाथ की कई प्रकार से पूजा अर्चना की जाती है.  


 महाशिवरात्रि 2023- 12 उपाय



  • महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं. ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास बताते कि, शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन ज्योतिष उपाय करने से आपकी सभी परेशानियां खत्म हो सकती हैं.

  • महाशिवरात्रि पर बेलपत्र से भगवान शिव की विशेष पूजा करने से धन संबंधी दिक्कतें दूर हो जाती है.

  • महाशिवरात्रि के दिन शुभ काल के दौरान ही महादेव और पार्वती की पूजा की जानी चाहिए तभी इसका फल मिलता है.

  • कुवांरी कन्याओं को इस दिन व्रत करने से मनोनुकूल वर की प्राप्ति होती है और विवाहित स्त्रियों का वैधव्य दोष भी नष्ट हो जाता है.

  • महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग की पूजा करने से जन्मकुंडली के नवग्रह दोष तो शांत होते हैं.

  • विशेष रूप से चंद्र्जनित दोष जैसे मानसिक अशान्ति, माँ के सुख और स्वास्थ्य में कमी, मित्रों से संबंध, मकान-वाहन के सुख में विलम्ब, हृदयरोग, नेत्र विकार, चर्म-कुष्ट रोग, नजला-जुकाम, स्वांस रोग, कफ-निमोनिया संबंधी रोगों से मुक्ति मिलती है और समाज में मान प्रतिष्ठा बढती है.

  • शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से व्यापार में उन्नति और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है.

  • भांग अर्पण करने से घर-परिवार की अशांति, प्रेत बाधा तथा चिंता दूर होती है.

  • महाशिवरात्रि पर मंदार के पुष्प अर्पित करने से नेत्र और ह्रदय विकार दूर रहते हैं.

  • शिवलिंग पर धतूरे का पुष्प और फल चढ़ाने से दवाओं का रिएक्शन और विषैले जीवों से खतरा समाप्त हो जाता है.

  • यदि आप महाशिवरात्रि पर शिवलिंग में शमीपत्र चढ़ाने हैं तो शनि की शाढ़ेसाती, मारकेश तथा अशुभ ग्रह-गोचर से हानि नहीं होती.


महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा का मुहूर्त


कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास बताते हैं कि, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा चार प्रहर में की जाती है. इस दिन का प्रत्येक घड़ी-पहर परम शुभ रहता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक प्रथम प्रहर में पूजा समय 18 फरवरी शाम 06.45 मिनट से रात्रि 09.35 मिनट तक है. वहीं दूसरे प्रहर में पूजा का समय रात्रि 09.35 मिनट से 19 फरवरी मध्य रात्रि 12.24 बजे तक है. तीसरे प्रहर में पूजा का समय 19 फरवरी मध्य रात्रि 12.24 मिनट से प्रातः 03.14 मिनट तक है. चतुर्थ प्रहर पूजा समय 19 फरवरी को ही प्रातः 03.14 मिनट से सुबह 06.03 मिनट तक रहेगा. महाशिवरात्रि के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग को शाम 04.12 से शाम 06.03 मिनट तक रहेगा.




ग्रहों की मजबूती के लिए उपाय


कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास बताते हैं कि यदि कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करनी है या सरकारी कामों में सफलता प्राप्त करनी है तो महाशिवरात्रि के दिन तांबे के लोटे में जल मिश्रित गुड़ से शिवलिंग का अभिषेक करें.



  • वैवाहिक जीवन मधुर बनाने के लिए जोड़े से पति-पत्नी शिवलिंग का अभिषेक करें.

  • अगर आपकी कुंडली में मंगल पीड़ित है तो शिवलिंग का अभिषेक हल्दी मिश्रित जल से करना चाहिए.

  • आपकी कुंडली में यदि बुध की स्थिति खराब है तो महाशिवरात्रि पर शिव-पार्वती की पूजा करें और पूजन के बाद 7 कन्याओं को भोजन कराएं.

  • कुंडली में शुक्र को मजबूत करने के लिए शिवलिंग पर दूध-दही से अभिषेक करें.

  • यदि कुंडली में शनि ग्रह पीड़ित है तो सरसों के तेल से अभिषेक करें.

  • राहु ग्रह को मजबूत करने के लिए जल में 7 दाना जौ मिलाकर अभिषेक करें.

  • केतु को मजबूत करने के लिए जल में शहद मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें.

  • कुंडली में चंद्रमा को मजबूत करने के लिए कच्चे दूध से अभिषेक करें.

  • गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए अपने माथे पर और नाभि पर केसर का तिलक लगाएं.  


राशि के अनुसार शिवलिंग पर चढ़ाएं ये सामग्री



  • मेष: बेलपत्र अर्पित करें.

  • वृष: दूध मिश्रित जल चढ़ाएं.

  • मिथुन: दही मिश्रित जल चढ़ाएं.

  • कर्क: चंदन का इत्र अर्पित करें.

  • सिंह: घी का दीपक जलाएं.

  • कन्या: काला तिल और जल मिलाकर अभिषेक करें.

  • तुला: जल में सफेद चंदन मिलाएं.

  • वृश्चिक: जल और बेलपत्र चढ़ाएं.

  • धनु: अबीर या गुलाल चढ़ाएं.

  • मकर: भांग और धतूरा चढ़ाएं.

  • कुंभ: पुष्प चढ़ाएं.

  • मीन: गन्ने के रस और केसर से अभिषेक करें.


महाशिवरात्रि का पौराणिक महत्व


भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास बताते हैं कि, पौराणिक मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि की पावन रात्रि को भगवान शिव ने संरक्षण और विनाश का सृजन किया था. मान्यता यह भी है कि इसी पावन दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का शुभ विवाह संपन्न हुआ था.



महाशिवरात्रि पर न करें ये काम



  • हल्दी का टीका- शिवरात्री पर भक्त मंदिर में हल्‍दी से भगवान शिव को टीका लगाते हैं.  वैसे तो लगभग हर धार्मिक कार्य में हल्दी का प्रयेाग किया जाता है.  लेकिन भगवान शिव को हल्दी अर्पित नहीं की जाती है.  इसका कारण यह है कि, हल्दी का प्रयोग स्त्री सौंदर्य प्रसाधन के रूप में किया जाता है और शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है. 

  • लाल रंग के फूल- भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास बताते हैं कि, आपने देखा होगा कि शिवरात्रि पर मंदिरों के बाहर खूब फूल बिकते हैं.  पर क्‍या आपने ध्‍यान दिया कि इन फूलों में लाल रंग के फूल नहीं होते. ज्‍यादातर पीले रंग का गेंदा या सफेद फूल ही नजर आते हैं. ऐसा इसलिए कि शिवजी को लाल रंग के फूल नहीं चढ़ाए जाते हैं. मान्यता है कि सफेद रंग के फूल चढ़ाने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं. 

  • सिंदूर या कुमकुम- महिलाएं सिंदूर या कुमकुम अपने पति की लंबी उम्र के लिए लगाती हैं. मान्यता है कि, भगवान शिव विध्वंसक के रूप में जाने गए हैं. इसलिए शिवलिंग पर सिंदूर या कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए. इसके बजाए आप चंदन का इसतेमाल कर सकते हैं.

  • तांबे का लोटा- शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए केवल तांबे या पीतल के लोटे का ही इस्‍तेमाल करें, स्‍टील या लोहे के लोटे का नहीं. 

  • शंख से जल देना वर्जित- हिंदू धर्म में शंख को बहुत पवित्र माना गया है. हर पूजा-पाठ में इसे बजाना और इससे जल देना काफी शुभ माना जाता है.  लेकिन शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए. ऐसा करना वर्जित माना गया है.


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