Mahashivratri 2024 Vrat Parana: महाशिवरात्रि व्रत का पारण कब-कैसे करें, ये है नियम, मुहूर्त, विधि जानें
Mahashivratri 2024 Vrat Parana: महाशिवरात्रि व्रत साधक को पाप से मुक्ति दिलाता है, कष्ट, रोग, दोष दूर करता है. महाशिवरात्रि व्रत पारण भी नियमानुसार करना चाहिए, जानें शिवरात्रि व्रत पारण मुहूर्त, विधि
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Mahashivratri Vrat Parana 2024 Date and Muhurat: 8 मार्च 2024 को शिव पूजा का सबसे पड़ा पर्व महाशिवरात्रि मनाया जा रहा है. इस दिन सुबह से ही शिवालय में जलाभिषेक के लिए भक्तों की भारी भीड़ होती है, वैसे तो महाशिवरात्रि पर पूरे दिन शिवलिंग में भोलेनाथ का वास होता है लेकिन रात्रि में जागरण कर पूजा का विशेष महत्व है.
यही वजह है कि शंकर जी और माता पार्वती के भक्त महाशिवरात्रि पर प्रदोष काल, निशिता काल और रात्रि का चार प्रहर में जागकर महादेव की भक्ति करते हैं. महाशिवरात्रि 2024 का व्रत पारण कब किया जाएगा, क्या है इसकी विधि, नियम, यहां जानें.
महाशिवरात्रि 2024 व्रत पारण मुहूर्त (Mahashivratri 2024 Vrat Parana Time)
महाशिवरात्रि व्रत का पारण 9 मार्च 2024 को सुबह 06.37 से दोपहर 03.29 के बीच किया जाएगा. पारण के लिए ये शुभ मुहूर्त है. हालांकि लोग महाशिवरात्रि व्रत अपनी मान्यता अनुसार करते हैं.
महाशिवरात्रि व्रत खोलने के नियम (Mahashivratri Vrat Parana Rules)
जो लोग महाशिवरात्रि व्रत में निशिता काल मुहूर्त और रात्रि के चार प्रहर में शिव आराधना करते हैं उन्हें अगले दिन सूर्योदय के बाद ही व्रत पारण करना चाहिए. वहीं शास्त्रों के अनुसार जिन्होंने एक समय का उपवास रखा है वह प्रदोष काल में पूजा के लिए ही अन्न ग्रहण करें.
महाशिवरात्रि व्रत पारण विधि (Mahashivratri Vrat Parana Vidhi)
महाशिवरात्रि के अगले दिन प्रात: काल स्नान करें महादेव पर बेलपत्र, गंगाजल चढ़ाएं. उन्हें चंदन लगाए, फूलों की माला पहनाएं. ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें इसके बाद ही व्रत खोलें कहते हैं शिवरात्रि का व्रत पूजा में चढ़ाए गए फलों से ही करना चाहिए. शिवरात्रि व्रत पारण में सात्विक भोजन ही करें. लहसुन, प्याज से युक्त भोजन नहीं खाना चाहिए. इससे व्रत का फल नहीं मिलता.
व्रत खोलते समय तामसिक भोजन न करें. व्रत पारण में जो भोजन बनाएं उसमें शुद्ध घी का ही उपयोग करें. कहते हैं कि व्रत पारण में कभी मूली, बैंगन, तले हुआ भोजन नहीं खाना चाहिए. इससे सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है. उपवास के बाद खट्टे फलों का सेवन एसिडिटी की समस्या कर सकता है.
महाशिवरात्रि व्रत के लाभ
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानी महाशिवरात्रि पर पर भोलेनाथ ने माता पार्वती संग सात फेरे लिए थे, वहीं इसी दिन दिव्य ज्योति के रूप में शिव ने पहली बार ज्योतिर्लिंग का रूप धरा था. मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर व्रत रखकर शिवोपासना करने वाले पर शिव की विशेष कृपा बरसती है. भक्त के हर कष्ट दूर हो जाते हैं.
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