Mahatma Gandhi Death Anniversary 2024: महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी को, जानिए बापू गांधी के पसंदीदा भजन
Mahatma Gandhi Death Anniversary 2024: 30 जनवरी 2024 को महात्मा गांधी की 76वीं पुण्यतिथि है. बापू की हत्या 30 जनवरी 1948 को हुई थी. उस दौर में बापू दुनिया के प्रतिभाशाली नेताओं में एक थे.
Mahatma Gandhi Death Anniversary 2024: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, उन्हें प्यार से सभी बापू गांधी भी कहते थे. 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर बापू की हत्या कर दी थी. जिस समय बापू की मृत्यु हुई उस वक्त उनकी उम्र 78 वर्ष थी.
बापू गांधी ने सत्य और अहिंसा की नीति को अपना देश को आजाद कराने के लिए कई कार्य किए. उन्होंने दुनियाभर में अहिंसा परमो धर्म: का संदेश भी दिया. गांधी जी स्वतंत्रता आंदोलन से तो जुड़े ही थे. इसके साथ ही हिन्दुत्व और धर्म के प्रति भी बापू का गहरी श्रद्धा थी. राम नाम को तो वे अमोघ शक्ति मानते थे.
गांधी जी धार्मिक ग्रंथों का पाठ किया करते थे, जिसका उनके जीवन पर गहरा प्रभाव भी पड़ा. इसके साथ ही बापू भजन भी सुना करते थे. कुछ भजन तो उन्हें इतने पसंद थे कि वो इसे हमेशा गुनगुनाया भी करते थे. बापू गांधी की 76वीं पुण्यतिथि पर जानते हैं बापू के पसंदीदा भजनों के बारे में-
वैष्णव जन तो तेने कहिये.. महात्मा गांधी को अतिप्रिय थी. इस लोकप्रिय भजन की रचना 15वीं शताब्दी के संत कवि नरसी मेहता ने की थी. कहा जाता है कि गांधी की रोजाना प्रार्थना में इस भजन को शामिल करते थे.
वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीर पराई जाणे रे ।।
पर दुःखे उपकार करे तोये, मन अभिमान न आणे रे ।।
सकल लोक माँ सहुने वन्दे, निन्दा न करे केनी रे ।।
वाच काछ मन निश्चल राखे, धन-धन जननी तेरी रे ।।
वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीर पराई जाणे रे ।।
समदृष्टि ने तृष्णा त्यागी, पर स्त्री जेने मात रे ।।
जिहृवा थकी असत्य न बोले, पर धन नव झाले हाथ रे ।।
मोह माया व्यापे नहि जेने, दृढ वैराग्य जेना तन मा रे ।।
राम नामशुं ताली लागी, सकल तीरथ तेना तन मा रे ।।
वण लोभी ने कपट रहित छे, काम क्रोध निवार्या रे ।।
भणे नर सैयों तेनु दरसन करता, कुळ एको तेर तार्या रे ।।
रघुपति राघव राजाराम। पतित पावन सीताराम।।.. इस भजन के जनक पंडित लक्ष्मणाचार्य थे. मूल भजन हिंदू ग्रंथ श्री नम: रामनायनम से लिया गया है. श्रीराम का यह प्रसिद्ध भजन गांधी जी भी गाते थे और बाद में उन्होंने इस भजन में ‘अल्लाह’ शब्द को भी जोड़ा.
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥
सुंदर विग्रह मेघश्याम
गंगा तुलसी शालग्राम ॥
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥
भद्रगिरीश्वर सीताराम
भगत-जनप्रिय सीताराम ॥
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥
जानकीरमणा सीताराम
जयजय राघव सीताराम ॥
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥
रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल.. यह देशभक्ति गीत है, जोकि गांधी जी के साथ ही उनके सत्य और अहिंसक स्वभाव को समर्पति है. यह गीत फिल्म जागृति (1954) का है. गीत की रचना कवि प्रदीप ने की है.
दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
दे दी ...
धरती पे लड़ी तूने अजब ढंग की लड़ाई
दागी न कहीं तोप न बंदूक चलाई
दुश्मन के किले पर भी न की तूने चढ़ाई
वाह रे फकीर खूब करामात दिखाई
चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
दे दी ...
रघुपति राघव राजा राम
शतरंज बिछा कर यहां बैठा था ज़माना
लगता था मुश्किल है फ़िरंगी को हराना
टक्कर थी बड़े जोर की दुश्मन भी था ताना
पर तू भी था बापू बड़ा उस्ताद पुराना
मारा वो कस के दांव के उलटी सभी की चाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
दे दी ...
रघुपति राघव राजा राम
जब जब तेरा बिगुल बजा जवान चल पड़े
मज़दूर चल पड़े थे और किसान चल पड़े
हिंदू और मुसलमान, सिख पठान चल पड़े
कदमों में तेरी कोटि कोटि प्राण चल पड़े
फूलों की सेज छोड़ के दौड़े जवाहरलाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
दे दी ...
रघुपति राघव राजा राम
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