Mahatma Gandhi Death Anniversary 2024: बापू गांधी के मन में बसे थे राम, तभी तो उनके अंतिम शब्द थे "हे राम"
Mahatma Gandhi Death Anniversary 2024: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 76वीं पुण्यतिथि 30 जनवरी 2024 को है. उन्हें प्यार से सभी बापू गांधी भी कहते थे. भगवान राम के प्रति बापू गांधी की अटूट आस्था थी.
Mahatma Gandhi Death Anniversary 2024: राष्ट्रपति महात्मा गांधी मानव इतिहास के सर्वश्रेष्ठ महापुरुषों में एक हैं. गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है. लोग उन्हें प्यार से बापू गांधी भी कहते थे. बापू ने सत्य और अहिंसा के पथ पर चलकर देशहित में कई कार्य किए और ‘अहिंसा परमो धर्म:’ का संदेश दिया.
देश को आजाद कराने में बापू का महत्वपूर्ण योगदान रहा. बापू ने देश को आदाज कराने में न सिर्फ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बल्कि इसमें सफल भी रहें और बापू गांधी की मृत्यु से ठीक एक साल पहले 1947 को देश आजाद हुआ. बापू का जीवन, संघर्ष, कार्य और योदगान ऐसे रहें कि शायद ही किसी लेखक ने अपनी कलम उनके जीवन पर न चलाई हो.
30 जनवरी को बापू की पुण्यतिथि
30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि होती है. इसी दिन साल 1948 में बिड़ला हाउस में नाथूराम गोडसे ने तीन गोलियां माकर बापू की हत्या कर दी थी.
महात्मा गांधी के मन में बसे थे राम
- बापू गांधी ने दुनिया को ‘अहिंसा परमो धर्म:’ का उपदेश दिया. ये उपदेश उन्हें धार्मिक ग्रंथों के माध्यम से प्राप्त हुए थे. स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ने के साथ ही बापू गांधी के जीवन पर हिन्दुत्व का भी खास प्रभाव पड़ा था. गीता के उपदेश बापू को कंठस्थ याद थे.
- हिन्दुत्व के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा थी और बापू के मन में राम बसे थे. कहा जाता है कि, जब बापू गांधी को गोली लगी थी तो वे ‘हे राम’ कहते हुए गिर गए थे. इसलिए उनकी समाधि पर ‘हे राम’ लिखा है. जो हिन्दुत्व के प्रति बापू की अनन्य निष्ठा को दर्शाता है.
- राम नाम की महिमा को लेकर बापू ने लिखा था कि, ‘आज रामनाम मेरे लिए अमोघ शक्ति है. मैं मानता हूं कि उसके मूल रम्भा बाई का बोया हुआ बीज है.’
- कहा जात है कि, पोरबंदर में रहते हुए बापू रोजाना रामरक्षास्त्रोत का पाठ करते थे. रामायण के परायण को लेकर वे कहते थे कि, जिस चीज का मेरे मन में गहरा प्रभाव पड़ा, वह रामायण का परायण है.
- रामजी के प्रति बापू गांधी की आस्था का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि, उनके पसंदीदा भजनों में रघुपति राघव राजा राम भी एक था, जिसे वो हमेशा सुना करते थे और गुनगुनाया भी करते थे.
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