Mahatma Vidur Niti: महात्मा विदुर (Mahatma Vidur Niti) महाभारत काल के एक प्रमुख व्यक्ति थे. ये महाराज धृतराष्ट्र के सौतेले भाई थे. हस्तिनापुर की एक दासी के पुत्र थे. महात्मा विदुर (Mahatma Vidur) को भगवान की कृपा से दिव्य दृष्टि प्राप्त थी. ये दूर बैठे ही किसी बात को बड़ी आसानी से जान लेते थे. ऐसा लगता था कि सबकुछ इनकी आंखों के सामने हो रहा हो. पूरी महाभारत (Mahabharat) युद्ध की घटना, इन्होंने महाराज धृतराष्ट्र को सिलसिलेवार तरीके से बताई थी.


महाराज धृतराष्ट्र के अस्थिर मन को शांत करने के लिए महात्मा विदुर (Mahatma Vidur) ने महाराज को नीति विषयक बातें भी बताई जिसे विदुर नीति (Vidur Niti) के नाम से जाना जाता है.


कैसे मनुष्य का मन अशांत रहता है


महात्मा विदुर (Mahatma Vidur) ने महाभारत काल (Mahabharat) में महाराज धृतराष्ट्र से कहा था कि अगर किसी व्यक्ति के मन में काम भावना विद्यमान रहती है तो उसे रात भर नींद नहीं आ सकती. ऐसा व्यक्ति जब तक काम भावना की तृप्ति नहीं कर लेता है उसे किसी भी सूरत में नींद नहीं आ सकती. अगर ऐसा नहीं होता है तो उसका मन शांत नहीं होगा, वह रात भर करवटें बदलता रहता है. निद्रा उसकी आंखों से कोसों दूर रहती है. महात्मा विदुर (Mahatma Vidur) ने इसका कारण बताते हुए कहा है कि काम की भावना व्यक्ति के मन को शांत कर देती है. उसका मन किसी और काम में नहीं लगता है.


कामलोलुप व्यक्ति किसी भी काम को ठीक ढंग से नहीं कर पाता है. ऐसा नहीं है कि इस समस्या का शिकार केवल पुरुष होते हैं. स्त्रियों को भी समस्या होती है. कामवासना से ग्रस्त पुरुष रात भर करवटें बदलते रहते हैं. उन्हें नींद नहीं आती है. कामवासना से ग्रस्त मनुष्य का मस्तिष्क दूषित हो जाता है और वह निर्णय लेने में अक्षम होता है.



 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.