(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mahesh Navami 2024: महेश नवमी 2024 की डेट, पूजा मुहूर्त और महत्व
Mahesh Navami 2024: ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान शिव के महेश रूप की पूजा की जाती है. इस दिन शिव की उपासना से सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. जानें महेश नवमी की डेट, मुहूर्त
Mahesh Navami 2024: भगवान शिव को महेश भी कहा जाता है. महेश नाम से ही माहेश्वरी समाज (Maheshwari community) का नामकरण हुआ है, यही वजह है कि हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर महेश नवमी मनाई जाती है.
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विशेष पूजन करने से सुख, शांति, धन वृद्धि और सौभाग्य में बढ़ोत्तरी का वरदान प्राप्त होता है. विशेषकर माहेश्वरी समाज इस दिन को धूमधाम से मनाता है. आइए जानते हैं महेश नवमी 2024 की डेट, पूजा मुहूर्त और महत्व.
महेश नवमी 2024 डेट (Mahesh Navami 2024 Date)
महेश नवमी 15 जून 2024 को है. महेश नवमी का उत्सव माहेश्वरी समाज में माहेश्वरी वंशोत्पत्ति दिन के रुप में विशाल स्तर पर मनाया जाता है. भगवान शिव और माता पार्वती को माहेश्वरी समाज का संस्थापक माना जाता है.
महेश नवमी 2024 मुहूर्त (Mahesh Navami 2024 Muhurat)
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 15 जून 2024 प्रात: 12.03 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 16 जून 2024 को प्रात: 02.32 मिनट पर होगा.
- सुबह 07.08 - सुबह 08.52
क्यों मनाई जाती है महेश नवमी ? (Why we celebrate mahesh navami)
भगवान महेश और आदिशक्ति माता पार्वती ने ऋषियों के श्राप के कारण पत्थर में परिवर्तित हो चुके 72 क्षत्रियों को शापमुक्त किया और पुनर्जीवन प्रदान करते हुए कहा कि, "आज से तुम्हारे वंशपर हमारी छाप रहेगी, तुम माहेश्वरी कहलाओगे". भगवान महेश एवं माता पार्वती के अनुग्रह से उन क्षात्रियों को पुनर्जीवन मिला तथा माहेश्वरी समाज का उद्भव हुआ. शिव जी के भक्त इस दिन महेश वन्दना का गायन करते हैं तथा शिव मन्दिरों में भगवान महेशजी की महाआरती की जाती है.
महेश नवमी पूजा विधि (Mahesh Navami Puja vidhi)
- महेश नवमी के दिन शिवलिंग और शिव परिवार का पूजन-अभिषेक किया जाता है.
- चंदन, भस्म, पुष्प, गंगा जल, मौसमी फल और बिल्वपत्र चढ़ाकर पूजन कियाजाता है.
- डमरू बजाकर भगवान शिव की आराधना की जाती है.
- पीतल का त्रिशूल चढ़ाया जाता है. कथा का श्रवण किया जाता है.
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