Makar Sankranti 2020: आज मकर संक्रांति का त्योहार है. यह त्योहार तब मनाया जाता है जब सूर्य अपनी राशि बदलता है. सूर्य ने आज रात करीब 2 बजे धनु से मकर राशि में प्रवेश किया इसलिए आज सूर्योदय के साथ स्नान, दान और पूजा-पाठ के साथ ये त्योहार मनेगा.
पिछले कुछ सालों से मकर संक्रांति कभी 14 तो कभी 15 जनवरी को मनाई जा रही है. सूर्य की चाल के अनुसार मकर संक्रांति की तारीखों में बदलाव होता है. आने वाले कुछ सालों बाद ये पर्व 14 नहीं बल्कि 15 और 16 जनवरी को मनाया जाएगा.


मकर संक्रांति 14 तारीख की बजाय 15 तारीख पढ़ने पर आध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा ने इसे वैज्ञानिक कारण बताया है. उनके मुताबिक पहले धरती सूर्य की परिक्रमा 6 घंटे में करती थी फिर 18 घंटे में उसके बाद 24 घंटे में और आप 24 घंटे से अधिक समय लगने लगा है. इसी कारण से यह तारीख बदली है उन्होंने यह भी बताया कि तकरीबन 72 साल बाद 1 तारीख बढ़ जाती है.


कैसे करें पूजा


मकर संक्रांति की पूजा करने वाले लोग सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं और नहाने के पानी में तिल डालकर स्नान करें. जो लोग इस दिन उपवास रखना चाहते हैं वो व्रत रखने का संकल्प लें और श्रद्धा के अनुसार दान भी जरूर करें. सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल फूल, चंदन, तिल और गुड़ मिला लें और इस जल के मिश्रण को भगवान सूर्य देव को समर्पित कर दें. ‘ऊं सूर्याय नम:’ मंत्र का जाप सूर्य को जल चढ़ाते हुए करें.


मकर संक्रांति के दिन घरों में भी विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इसके बाद खिचड़ी खाने की भी परंपरा है. एक मान्यता है कि इस दिन किया गया दान सभी दानों में श्रेष्ठ होता है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं जो बहुत ही शुभ माना जाता है.


आज के दिन करें दान


मकर संक्रांति का पर्व हिन्दू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. इस पर्व का अपना एक अलग ही धार्मिक महत्त है. इस दिन नादियों में स्नान, पूजा पाठ और दान करने की परंपरा है. मकर संक्रांति पर किया गया दान सर्वश्रेष्ठ दान माना जाता है.मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन किया गया दान जीवन के कई संकटों को दूर करता है. दान करने से जीवन में खुशहाली, समृद्धि और बीमारियों से मुक्ति मिलती है. इसलिए इस दिन देश भर में लोग गरीबों और जरूरतमंदों को दान देते हैं. मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं और सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने उनके घर पर आते हैं इस खगोलीय राशि परिर्वतन का


खिचड़ी और चावल करें दान
मकर संक्रांति पर काली उड़द और चावल का दान भी सबसे अच्छा माना गया है. काली उड़द चावल के साथ दान करने से शनि की अशुभता जीवन में कम होती है. दान करते समय दोनों ही वस्तुओं का अनुपात बराबर होना चाहिए. जिन लोगों को अधिक परेशानी है वे दाल की मात्रा चावल से बढ़ा सकते हैं.