Makar Sankranti 2022: साल 2022 का पहला पर्व मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) का पड़ रहा है. देशभर में इस पर्व को बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है. मकर संक्रांति का ज्योतिषी रूप से भी बहुत महत्व है. कहते हैं कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि (Surya Enters In Makar Rashi) में प्रवेश करते हैं, इसलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. सूर्य 30 दिन में राशि बदलते हैं और 6 माह में उत्तरायण और दक्षिणायन होते हैं. मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं. मकर संक्रांति 14 जनवरी, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी.


मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व देशभर के अलग-अलग भागों में अलग तरीके और अलग नाम से मनाया जाता है. लेकिन सब जगह एक बार कॉमन यह है कि इस दिन तिल-गुड़ खाना और इसका दान करना शुभ माना जाता है. सदियों से इस दिन काले तिल के लड्डू खाने की परंपरा चली आ रही है. लेकिन क्या आप इसके पूछी की वजह जानते हैं? आइए जानते हैं इस दिन काले लड्डू क्यों बनाए और खाए जाते हैं. 


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शनि और सूर्य से है कनेक्‍शन 


ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति के दिन तिल-गुड़ खाने (Eat Seasame Jagery On Makar Sankranti), दान करने का संबंध सूर्य और शनि देव से है. काले तिल (Black Seasame Relation) का संबंध शनि देव और गुड़ का संबंध सूर्य से है. मकर संक्रांति के दिन ये दोनों चीजें खाने और दान करने से सूर्य देव और शनि देव दोनों की कृपा प्राप्त होती है. मान्यता है कि लाइफ में सफलता पाने के लिए इन दोनों ही ग्रहों की कृपा बनी रहनी चाहिए. कहते हैं कि इस दिन तिल-गुड़ खाने से घर में सुख-समृद्धि आती है. 


शनि को सूर्य देव ने दिया था वरदान


पौराणिक कथा के अनुसार सूर्य देव ने अपने बेटे शनि देव का घर कुंभ क्रोध में जला दिया था. कुंभ राशि के स्वामी शनि हैं और इस राशि को ही उनका घर माना जाता है. घर को जलाने के बाद जब सूर्य देव घर देखने पहुंचे, तो काले तिल के अलावा सब कुछ जलकर राख हो गया था. तब शनि देव ने सूर्य देव का स्वागत उसी काले तिल से किया. 


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शनि देव (Shani Dev) के व्यवहार को देखकर सूर्य देव प्रसन्न हो गए और उन्होंने शनि देव को एक और घर मकर रहने के लिए दिया. साथ ही, ये भी वरदान दिया कि जब कभी सूर्य मकर राशि (Makar Rashi) में प्रवेश करेंगे, तो उनका घर धन-धान्य से भर देंगे. साथ ही, इस दिन जो लोग काले तिल और गुड़ सूर्य देव को अर्पित करेंगे, उन्हें सूर्य और शनि देव दोनों की कृपा प्राप्त होगी और खूब तरक्की करेंगे. 


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