मकर संक्रांति पर वाणी, वाणिज्य और कम्युनिकेशन का कारक ग्रह 'बुध' होने जा रहा है वक्री, जानें शुभ-अशुभ फल
Mercury Retrograde 2022 : मकर संक्रांति पर सूर्य जहां मकर राशि में प्रवेश करेंगे. नवग्रहों में राजकुमार की उपाधि रखने वाले बुध वक्री हो जाएंगे. विशेष बात ये है कि बुध मकर राशि में वक्री हो रहे हैं.
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Makar Sankranti 2022,Mercury Retrograde 2022 :14 जनवरी 2022 को मकर राशि में बड़ी हलचल होने जा रही है. इस दिन मकर राशि में तीन ग्रहों की युति बनने जा रही है. इसलिए इसका प्रभाव देश-दुनिया के साथ सभी राशियों पर भी पड़ेगा. सूर्य को जहां सभी ग्रहों को राजा माना गया है, वहीं शनि को न्यायाधीश और बुध को राजकुमार बताया गया है. मकर राशि शनि की अपनी राशि है. शनि देव को इस राशि का स्वामी माना गया है. शनि को सूर्य पुत्र कहा जाता है. इस दिन पिता अपने पुत्र की राशि में आ रहे हैं. इसलिए ग्रहों का ये गोचर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
सूर्य संक्रांति 2022 (Makar Sankranti 2022)
पंचांग के अनुसार 14 जनवरी 2022, शुक्रवार को पौष शुक्ल पक्ष की द्वादशी की तिथि को सूर्य का राशि परिवर्तन होगा. सूर्य गोचर मकर राशि में होगा. सूर्य जब मकर राशि में आते हैं तो इसे मकर संक्रांति भी कहा जाता है. इस दिन विशेष धार्मिक महत्व शास्त्रों में बताया गया है. पंचांग के अनुसार इस दिन रोहिणी नक्षत्र रहेगा.
बुध वक्री 2022 (Mercury Retrograde)
मकर संक्रांति पर बुध वक्री हो रहे हैं. बुध का वक्री होना महत्वपूर्ण है. ज्योतिष शास्त्र में कम्युनिकेशन स्किल का कारक बुध ग्रह को माना गया है. इस ग्रहों का राजकुमार भी कहा गया है. बुध को सौम्य ग्रह भी बताया गया है. बुध को गणित, वाणिज्य, वाणी, कम्युनिकेशन, तर्क शास्त्र और सेंस ऑफ ह्यूमर का भी कारक माना गया है. बुध 4 फरवरी तक मकर राशि में वक्री रहेंगे.
बुध वक्री फल (Results)
बुध वक्री होने पर शुभ अशुभ दोनों तरह के फल प्रदान करते हैं. माना जाता है कि जन्म कुंडली में यदि बुध शुभ हैं तो वक्री होने पर नकारात्मक फल प्रदान करने लगते हैं. वहीं जिन लोगों की कुंडली में बुध अशुभ होते हैं उन्हें वक्री होने पर बुध शुभ परिणाम देने लगते हैं. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध वक्री हो तो वह वाचाल होता है. वक्री बुध होने पर जिह्वा में चोट लगने की स्थिति बनती है. स्मरणशक्ति अच्छी होती है. इसके साथ ही संचार, वाणिज्य, गणित, लेखन, वकालत आदि से जुड़े लोगों की कुशलता में वृद्धि होती है. अशुभ फल देने पर बुध के उपाय करने चाहिए. गणेश जी की पूजा करने से बुध की अशुभता दूर होती है.
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