Makar Sankranti 2023: इस बार कई शुभ योग व नक्षत्र के साथ मनेगी मकर संक्राति, इस कारण विशेष लाभकारी होगी सूर्य की संक्रांति
Makar Sankranti 2023: इस साल मकर संक्रांति रविवार 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी. ज्योतिष के अनुसार इस दिन कई खास योग और नक्षत्र भी बन रहा, जिसमें मकर संक्रांति के स्नान,दान पुण्य और पूजा-पाठ किए जाएंगे.
Makar Sankranti 2023, Shubh Muhurat and Yog: यूं तो हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. लेकिन इस वर्ष यानि 2023 में मकर संक्रांति 15 जनवरी के दिन मनाई जाएगी. इसका कारण यह है कि सूर्य देव का मकर राशि में गोचर 14 जनवरी की रात 08:43 मिनट पर होगा और उदयातिथि के अनुसार अगले दिन 15 जनवरी 2023 को मकर संक्राति मनाई जाएगी.
इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है. ज्योतिष की माने तो इस साल मकर संक्रांति पर कई विशेष और शुभ योग बन रहे हैं, जो जानते हैं आखिर क्यों मकर संक्रांति पर दान का इतना महत्व है.
मकर संक्रांति 2023 तिथि व शुभ मुहूर्त
बता दें कि पंचांग के अनुसार इस बार मकर संक्राति 15 जनवरी 2023 को है. क्योंकि सूर्यदेव का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात 08: 43 मिनट पर होगा इसलिए उदयातिथि के अनुसार अगले दिन 15 जनवरी 2023 को मकर संक्राति मनाई जाएगी.
मकर संक्राति पर बन रहा खास संयोग
15 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्य काल रहेगा, जिसमें सूर्योदय से लेकर पूरे दिन दान पुण्य आदि किए जा सकेंगे. इस साल मकर संक्रांति के दिन सूर्य, शनि और शुक्र मकर राशि में रहेंगे, जिससे कि त्रिग्रही योग का शुभ संयोग बन रहा है.
इसके साथ ही चित्रा नक्षत्र, शश योग, सुकर्मा योग, वाशी योग, सुनफा योग और बालव करण योग बनेंगे. इन शुभ योग से कई लोगों की किस्मत चमक जाएगी, यानी कई राशि वाले लोगों को इसका लाभ मिलेगा. इन योगों में यदि शुभ कार्य, दान, पुण्य, तीर्थ यात्रा, भागवत महापुराण आदि किया जाए तो किस्मत के बंद दरवाजे भी खुल सकते हैं.
रविवार के दिन सूर्य की संक्रांति विशेष लाभकारी
तुला राशि के चंद्रमा में मकर संक्रांति का पुण्य काल होगा, जोकि बेहद शुभ माना जाता है. इसके अलावा रविवार के दिन मकर संक्रांति का पड़ना बहुत शुभ माना जाता है. क्योंकि मकर संक्रांति पर्व सूर्य से जुड़ा हुआ है और रविवार का दिन सूर्यदेव का समर्पित है.
अग्नि पुराण के मान्यता के अनुसार देखे तो सूर्य का पूजन रविवार के दिन शिवलिंग के साथ संयुक्त रूप से पूजित करने पर संतान के बौद्धिक अनुकूलता के लिए श्रेष्ठ बताया गया है. यही कारण है कि इस दिन सूर्य की पूजन तथा भगवान शिव का अभिषेक विशेष रुप से करना चाहिए.
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