ममता कुलकर्णी को हाल ही में महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया. इस साल महाकुंभ में ममता को किन्नर अखाड़ा में ये पद मिला था लेकिन एक हफ्ते बाद ही विवादों में घिरे होने की वजह से एक्ट्रेस से ये पद ले लिया गया है. ममता कुलकर्णी और धीरेंद्र शास्त्री चर्चा में बने हुए हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में ममता कुलकर्णी ने बताया कि धीरेंद्र शास्त्री के पास कौन सी सिद्धियां हैं.


ममता कुलकर्णी ने खोला धीरेंद्र शास्त्री का राज


ममता कुलकर्णी (Mamta kulkarni) के एक इंटरव्यू में बताया कि बाबा बागेश्वर के नाम से जाने वाले धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) ने हनुमान जी को सिद्ध किया है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार हनुमान जी को अष्ट सिद्धियों का दाता कहा जाता है. मान्यता है कि बजरंगबली की कृपा जिस पर हो जाए उन्हें ये सिद्धियां प्राप्त होती है. लेकिन इसके लिए योग्य गुरु की शरण में इन सिद्धियों को सिद्ध करना चाहिए. मान्यता है कि सिद्धियों को सिद्ध करने के बाद अनुशासन व आचरण का विशेष ध्यान रखा जाता है नहीं तो अत्यंत बुरे परिणाम भी भुगतने पड़ते हैं. हनुमान जी (Hanuman Ji) किन सिद्धियों के मालिक हैं, आइए जानते हैं-


हनुमान जी के पास कौन सी 8 सिद्धियां हैं ?



  1. अणिमा सिद्धि - अणिमा अर्थात अपने शरीर को अणु से भी छोटा करना. इस सिद्धि की बदौलत हनुमान जी सूक्ष्म रूप धारण कर कहीं भी विचरण कर सकते थे.

  2. महिमा सिद्धि  - महिमा, अणिमा के विपरीत है. इस सिद्धि के बल पर विशाल रूप धारण किया जा सकता है.

  3. गरिमा सिद्धि - गरीमा सिद्धि से शरीर को असीमित रूप से भारी बनाया जा सकता है. भीम का घमंड तोड़ने के लिए हनुमान जी ने इस सिद्धि का प्रयोग किया था.

  4. लघिमा सिद्धि- इस सिद्धि से हनुमानजी स्वयं का भार रूई की भांति बिल्कुल हल्का कर लेते थे.

  5. प्राप्ति सिद्धि - बेजुबान पक्षियों की भाषा समझना, आने वाले वक्त को देख लेना में ये सिद्धि सहायक है. इस सिद्धि के दम पर वह हर चीज प्राप्त की जा सकती है जिसकी आपको इच्छा है. कहा जाता है कि धीरेंद्र शास्त्री भी अपने दरबार में आई चिठि्ठयों को बिना पढ़े ही उसका समाधान बता देते हैं.

  6. प्राकाम्य सिद्धि - इस सिद्धि के बल से पृथ्वी से पाताल तक की गहराईयों को नापा जा सकता है. आसमान की ऊंचाईयों पर उड़ सकते हैं. मनचाहे वक्त तक पानी में जीवित रह सकते हैं.

  7. ईशीत्व सिद्धि - इस सिद्धि की मदद से हनुमानजी को दैवीय शक्तियां मिली थी. इसे पाने वाला ईश्वर समान पूजनीय माना जाता है.

  8. वशित्व सिद्धि - अपने नाम स्वरूप इस सिद्धि से किसी को भी वश में किया जा सकता है.


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