Mangal Dosh Meaning and Remedies: ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को विशेष स्थान प्राप्त है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है. इन्हें साहस, ऊर्जा, भाई, रिश्तों /संबंध, भूमि, शक्ति और शौर्य का कारक ग्रह माना जाता है. जब ये किसी व्यक्ति के कुंडली में विराजमान होते हैं तो उस पर मंगल दोष होता है. ज्योतिष के अनुसार जब किसी व्यक्ति के कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत स्थिति में होते हैं. तो उस व्यक्ति को पराक्रम, सुख और संपत्ति की प्राप्ति होती है. इसकी बजह से छोटे भाई बहनों के साथ भी ताल्लुक बहुत अच्छे होते हैं, संबंध प्रगाढ़ होता है. परन्तु मान्यताओं के अनुसार कुंडली में मंगल ग्रह का दोष होने पर पति-पत्नी के बीच सामंजस्य का अभाव होता है.
मान्यताओं के अनुसार, मंगल दोष का सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव विवाह और वैवाहिक जीवन पर पड़ता है. मंगल दोष होने के कारण विवाह में रकावट होती है, वैवाहिक जीवन में कलह देखें को मिलती है. कानूनी पचड़े, कर्ज की समस्या तथा गंभीर चोट लगने की आशंका बनी रहती है. इनके प्रभाव को कम करने तथा मंगल के ब्प्राभ को लाभकारी बनाने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय बताये गए हैं.
कब होता है मंगल दोष
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी भी व्यक्ति की कुंडली के चतुर्थ भाव, लग्न भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव या द्वादश भाव में यदि मंगल विराजमान हों. कुंडली में बनी ऐसी दशा को मंगल दोष माना जाता है.
मंगल दोष से बचने के उपाय
- कुंडली में मंगल दोष होने पर लाल कपडे में सौंफ बांधकर अपने शयन कक्ष में इसे रखें. ऐसा करने से मंगल दोष खत्म होता है.
- मंगल दोष से प्रभावित व्यक्ति को अपना घर बनवाते समय में लाल पत्थर का प्रयोग जरूर करना चाहिए. इसे मंगल दोष शांत होता है.
- लाल वस्त्र में दो मुट्ठी मसूर बांधकर किसी भिखारी को मंगलवार को दान करना चाहिए.
- बंदरों को चना और गुड़ खिलाने से मंगल दोष शांत होते हैं.