Mars Retrograde in Gemini, Mangal Vakri: हिंदी पंचांग के मुताबिक सौर मंडल के सबसे क्रूर ग्रहों में से एक मंगल, 30 अक्टूबर 2022 को शाम 6 बजकर 19 मिनट पर अपनी चाल बदल कर मार्गी से वक्री (Mars Retrograde 2022) हो गए हैं. ये मिथुन राशि में वक्री हुए हैं. ये यहां पर इस स्थिति में 13 जनवरी 2023 तक रहेंगे.
मंगल वक्री का इन राशियों पर होगा शुभ-अशुभ प्रभाव
मंगल के वक्री होने से वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, वृश्चिक और कुंभ राशि वालों पर अशुभ प्रभाव पड़ेगा. इन्हें क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा. कार्य में उतार-चढ़ाव से तनाव हो सकता है. इसके अलावा मेष, कर्क, सिंह, धनु, मकर और मीन राशि के जातकों पर शुभ प्रभाव होगा.
ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह
ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को क्रूर ग्रह कहा गया है. इन्हें भूमिपुत्र कहा जाता है. ये शक्ति और साहस का नेतृत्व करते हैं. मंगल को मेष राशि और वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह माना गया है. इनका वाहन मेष है और शस्त्र शूल तथा गदा है. इनमें अग्नि तत्व की प्रधानता होती है.
मंगल का स्वभाव
भारतीय ज्योतिष के अनुसार, मंगल ग्रह में उग्रता होती है. मंगल ग्रह ही मानव शरीर में अग्नि तत्व को नियंत्रित और प्रभावित करता है. मनुष्य शक्ति, ऊर्जा, सहनशक्ति, समर्पण, इच्छाशक्ति, कार्य को पूर्ण करने की ऊर्जा मंगल ग्रह से प्राप्त करता है. जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल उच्च होते हैं. वे लोग साहसिक और आत्मविश्वासी होते हैं. इन्हें आगे बढ़ना बहुत है.
मंगल वक्री के प्रभाव से लोगों के स्वभाव में होता है ये बदलाव
मंगल वक्री के प्रभाव से लोगों के स्वभाव में चिड़चिड़पन, निराशा, क्रोध, आक्रामकता और धैर्य की कमी आती है. लोगों को गर्म चीजों से सजग रहना चाहिए.
'मंगल' वैदिक मंत्र (Mangal Mantra)
इन मंत्रो के जाप से कुंडली के मंगल उच्च होते है और इसका व्यक्ति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
- ओम अग्निर्मूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या अयम्। अपा रेता सि जिन्वति।।
- ऊॅं भौमाय नमा:।
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