Mangal Pooja: मान्यता है कि महावीर हनुमानजी (Hanuman Ji) एक ऐसे देवता हैं जो आज भी कलयुग में विराजमान हैं. इनकी सच्चे मन से की गई पूजा मनुष्य को हर भय से मुक्त करती है, इसलिए अधिकांश लोग हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. साथ ही बजरंग बाण (Bajrang Baan) का पाठ कर सकें तो भक्तों को असीम कृपा मिलती है. मगर इसका पाठ करते समय विधि, नियम और सावधानियां पूरी तरह जानना जरूरी है.
बजरंग बाण पाठ विधि
हनुमान प्रभु श्री राम के परम भक्त हैं, इसलिए बजरंग बाण में प्रमुख तौर पर श्रीराम की भी सौगंध के लिए कुछ पंक्तियां हैं. जब भी आप श्रीराम का सौगंध लेंगें, तो हनुमान जी आपकी मदद जरूर करेंगे, इसलिए पाठ में इन लाइनों को जरूर पढ़ना चाहिए.
श्रीराम की सौगंध
भूत प्रेत पिशाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर
इन्हें मारु,तोहिं सपथ राम की। राखु नाथ मर्याद नाम की।
जनक सुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ विलम्ब न लावौ।
उठु उठु चलु तोहिं राम दोहाई। पांय परौं कर जोरि मनाई।।
कैसे शुरू करें बजरंग बाण
- बजरंग बाण पाठ मंगलवार से शुरू करना चाहिए.
- सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- पूजा स्थान पर भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित करें.
- बजरंग बाण आरंभ करते समय सर्वप्रथम गणेश आराधना करें.
- भगवान राम और माता सीता का ध्यान करें।
-हमुमान जी को प्रणाम कर बजरंग बाण के पाठ का संकल्प लें.
-हनुमान जी को फूल अर्पित कर धूप, दीप जलाएं.
-कुश आसन बिछाएं और बैठकर बजरंग बाण का पाठ आरंभ करें.
-पाठ पूरा होने पर भगवान राम का स्मरण और कीर्तन करें.
-हनुमान जी को चूरमा, लड्डू और फल प्रसाद अर्पित कर सकते हैं.
बजरंग बाण के नियम
- जितनी बार बजरंग बाण पाठ का संकल्प लें, उतनी बार रुद्राक्ष की माला से पाठ करें. गिनती याद रख सकते हैं तो बिना माला के भी जाप कर सकते हैं.
- बजरंग का बाण पाठ करते समय ध्यान रखें कि शब्दों का उच्चारण साफ और स्पष्ट होना चाहिए.
- किसी विशेष मनोकामना के लिए पाठ हैं तो 41 दिनों तक यह पाठ नियमपूर्वक करें.
- पाठ के दिनों में लाल रंग के कपड़े विशेष रूप से धारण करें.
- जितने दिन तक बाण पाठ करना हो उतने दिनों में ब्रह्मचर्य का पूर्णतया पालन करना जरूरी है.
- जितने दिन भी पाठ करना हो, उतने दिन नशा या तामसिक चीजों का सेवन भी प्रतिबंधित होती है.
इन हालात में बजरंग बाण पाठ पर पाबंदी
-किसी का बुरा करने की कामना के साथ पाठ नहीं करना चाहिए.
- किसी भी अनैतिक कार्य की पूर्ति के लिए या किसी से विवाद की स्थिति में विजय के लिए बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए.
- धन, ऐश्वर्य या किसी भी भौतिक इच्छा की पूर्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए.
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