Mangalnath Temple: मंगल दोष को ज्योतिष ग्रंथों में अच्छा नहीं माना गया है. शादी विवाह में ये दोष काफी अड़चने डालता है. कहते हैं कि यदि समय पर इसका उपाय न किया जाए तो ये तलाक जैसी स्थिति का निर्माण करता है और संतान उत्पत्ति में भी दिक्कत पैदा करता है. यही कारण है कि मंगल दोष से लोग घबराते हैं. लेकिन भारत के उज्जैन में एक ऐसा मंदिर है जो मंगल दोष का दूर करता है. यहां पर भक्तों ने साढ़े चार करोड़ से अधिक का चढावा चढ़ाकर अपनी आस्था को प्रकट किया है. मत्स्य पुराण के अनुसार मंगलनाथ को मंगल ग्रह का जन्म स्थान माना जाता है. 


मंगलनाथ मंदिर के प्रशासक के के पाठक ने बताया कि दिनांक 01 जनवरी से 31 दिसंबर 2024 तक भात पूजन एवं अन्य पूजनों तथा भेंटपेटी और QR कोड के माध्यम से चार करोड़ पचास लाख उन्नचास हजार की मंदिर समिति को आय प्राप्त हुई हैं. शिप्रा तट स्थित विश्व प्रसिद्ध भगवान श्री मंगलनाथ मंदिर पर देश-विदेश से श्रद्धालुगुणों के साथ ही साथ भात पूजन एवं अन्य पूजनों यथा- कालसर्प, अंगारक दोष, श्रापित दोष, अर्क विवाह, कुंभ विवाह आदि की पूजन हेतु श्रद्धालुओं का निरंतर रूप से आगमन होता है. मंदिर में पिछले कुछ सालों में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है जिसकी वजह से मंदिर की आमदनी भी लगातार बढ़ती जा रही है.


दर्शन मात्र से मंगल दोष का होता निवारण


मंगलनाथ मंदिर के पंडित दीप्तेश गुरु के मुताबिक मंगलनाथ मंदिर को मंगल ग्रह का जन्म स्थान माना जाता है. मंगल ग्रह की उत्पत्ति वाले स्थान पर भगवान की पूजा अर्चना दर्शन करने से मंगल दोष का निवारण होता है. जिनकी कुंडली में मांगलिक होता है वे यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं. इसके अलावा मंगलाथ मंदिर पर की जाने वाली प्रार्थना भी फलित होती है. मंगल ग्रह को ज्योतिष में एक उग्र ग्रह के तौर पर बताया गया है. मंगल कमजोर और दूषित होने पर धन हानि, दुर्घटना और दांपत्य जीवन में परेशानी पैदा करता है. विवाह से पूर्व कुंडली के मिलान के दौरान मंगल दोष देखने की परंपरा बहुत पुरानी है. 


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