Mangalwar Vrat: मंगलवार व्रत के फायदे है अनेक, जानकर बन जाएंगे आप भी हनुमान जी के परम भक्त
Mangalwar Vrat: मंगलवार को व्रत करने से अमंगल का नाश होता है. मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए ये व्रत बहुत लाभकारी माना गया है. आइए जानते हैं मंगलवार व्रत की विधि, इसके लाभ और किसे करना चाहिए ये व्रत.
Mangalwar Vrat: शास्त्रों के अनुसार श्रीराम ने अपने परम भक्त हनुमान को चिरंजीवी होने का वरदान दिया था, यानी कि आज भी हनुमान जी धरती पर मौजूद हैं. मंगलवार का दिन बजरंगबली को समर्पित है. मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की सच्चे मन से पूजा, सेवा करने वालों को वह कभी निराश नहीं करते और हर संकट से उन्हें बचाने स्वंय दौड़े चले आते हैं.
यही वजह है कि मंगलवार व्रत का विशेष महत्व है. कहते हैं मंगलवार को व्रत करने से अमंगल का नाश होता है. मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए ये व्रत बहुत लाभकारी माना गया है. आइए जानते हैं मंगलवार व्रत की विधि, इसके लाभ और किसे करना चाहिए ये व्रत.
कब से शुरू करें मंगलवार व्रत ? (When to Start Tuesday Fast)
शास्त्रों के अनुसार किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से ये व्रत शुरू करना चाहिए, खासकर ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाले मंगलवार का विशेष महत्व है, क्योंकि इसी माह के मंगलवार को श्रीराम और हनुमान की पहली बार भेंट हुई थी, जिसे बड़ा मंगल कहा जाता है.
कितने मंगलवार व्रत रखना चाहिए ?
21 या 45 मंगलवार तक व्रत रखना शुभ माना जाता है लेकिन कुछ हनुमान भक्त इसे आजीवन करते हैं. आखिरी मंगलवार व्रत के बाद आने वाले अगले मंगलवार (22 या 46 मंगलवार को उद्यापन) को इसका विधिवत उद्यापना करें.
कैसे शुरू करें मंगलवार व्रत ? (Mangalwar Vrat Vidhi)
- पहले मंगलवार को स्नानादि से निवृत्त होकर हनुमान जी के समक्ष ऊपर बताई संख्या अनुसार व्रत का संकल्प लें. हर मंगलवार को सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद लाल रंग के वस्त्र पहनें.
घर के ईशान कोण में हनुमान जी के आसन के लिए चौकी रखें, उस पर बजरंगी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. आप हनुमान मंदिर में जाकर भी पूजा कर सकते हैं. - पूजा में हनुमान जी को सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर चोला चढ़ाएं, लाल रंग के पुष्प, वस्त्र, नारियल, गुड़, चना, पान का बीड़ा, अर्पित करें.
- बूंदी, इमारती, बेसन के लड्डू इनमें से किसी भी मिष्ठान का भोग लगाएं, ये बजरंगबली के प्रिय हैं. साथ ही राम-सीता का स्मरण भी करें. इनके बिना हनुमान जी की पूजा अधूरी है.
- हनुमान चालीसा या सुन्दरकाण्ड का पाठ करें. अंत में आरती कर दें.
- हर मंगलवार पर जरुरतमंदों को गुड़, नारियल, मसूर की दाल, लाल वस्त्र, लाल चंदन, भूमि का दान करना चाहि.
- संध्याकाल में पुन: हनुमान जी का स्मरण करने के बाद ही व्रत का पारण करें.
मंगलवार व्रत के लाभ (Mangalwar Vrat Benefit)
- शास्त्रों के अनुसार शनि की पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए मंगलवार का व्रत श्रेष्ठ माना जाता है. इसके प्रताप से जातक को साढ़ेसाती और ढैय्या के दुष्प्रभाव से राहत मिलती है.
- संतान उत्पत्ति में बाधा आ रही है या फिर विवाह में विलंब हो रहा है तो मंगलवार व्रत जरुर करें.इससे मंगल दोष के कारण विवाह में आ रही रुकावट भी दूर होती है.
- मंगलवार व्रत से रक्त संबंधी परेशानियां दूर होती है, क्रोध पर काबू पाने की शक्ति मिलती है. तमाम संकटों का नाश होता ह. इस व्रत करने से सभी प्रकार की बुरी शक्तियां दूर रहती है.
मंगलवार व्रत में न करें ये काम (Mangalwar Vrat Niyam)
- मंगलवार के दिन खासकर व्रती को बाल, दाढ़ी, नाखून नहीं काटना चाहिए, इसे अशुभ माना गया है. साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करें
- इस दिन काले रंग के वस्त्र न पहने, अन्यथा व्रत के फल से वंचित रह जाएंगे.
- मंगलवार के दिन भूलकर भी नमक का सेवन नहीं करें. व्रत पारण में भी नमक युक्त भोजन न खाएं, नहीं तो व्रत व्यर्थ चला जाएगा.
- भूलकर भी तामसिक भोजन, मदिरा का सेवन न करें. इससे हनुमान जी के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है.
- मंगलवार के दिन शुक्र और शनि से जुड़ा कोई भी काम नहीं करें. ऐसा करने से उस काम असर उल्टा ही पड़ता है.
ये लोग जरुर करें मंगलवार व्रत
ज्योतिष के अनुसार मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल है, ऐसे में इन राशि वालों को मंगलवार का व्रत जरुर रखना चाहिए. कर्क राशि में मंगल नीच का माना गया है इसलिए इन लोगों को भी व्रत करना चाहिए. इससे हनुमान और मंगल देव की कृपा द्दष्टि सदा आप पर बनी रहेगी और आपके मान-सम्मान, बल, पुरुषार्थ में वृद्धि होगी. स्वास्थ अच्छा रहेगा.
Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा के भक्तों की लिस्ट में शामिल हैं दुनिया की ये फेमस हस्तियां
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.