Mangla Gauri Vrat 2023: सावन का हर मंगलवार मां मंगला गौरी को समर्पित है. मंगला गौरी देवी पार्वती का ही स्वरूप है. मान्यता है कि सावन में शिव-गौरी का साथ पूजन करने से वैवाहिक जीवन में कभी तनाव नहीं आता साथ ही संतान सुख की प्राप्ति होती है. इस साल सावन में 9 मंगला गौरी व्रत रखे जाएंगे.
इस बार तीसरा मंगला गौरी व्रत 18 जुलाई 2023 को है. इस दिन से अधिकमास भी शुरु हो रहे हैं. शास्त्रों में बताया गया है कि मंगला गौरी व्रत के दिन के मंगला गौरी स्तोत्र का पाठ करने से मनचाहा जीवनसाथ मिलता है, साथ ही कई लाभ मिलते हैं.
सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत 2023 मुहूर्त (3rd Mangla Gauri Vrat 2023 Muhurat)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:13 AM - 04:54 AM
- अभिजित मुहूर्त 12:00 PM - 12:55 PM
- गोधूलि मुहूर्त - 19:19 PM - 19:39 PM
- हर्षण योग - 17 जुलाई, सुबह 08.58 - 18 जुलाई, सुबह 09.37
मां मंगला गौरी स्तोत्र के लाभ (Mangla Gauri Stotra Benefit)
जिन लोगों के घर में अशांति का माहौल है उन्हें मंगला गौरी व्रत के दिन इस स्तोत्र का पाठ जरुर करना चाहिए, इससे परिवार में एकता बढ़ती है साथ ही नकारात्मकता का नाश होता है. पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है. इस स्तोत्र के प्रभाव से मन पसंद व्यक्ति से शादी की इच्छा पूरी होती है.
मंगला गौरी स्तोत्र पाठ (Mangla Gauri Stotram)
रक्ष-रक्ष जगन्माते देवि मङ्गल चण्डिके।
हारिके विपदार्राशे हर्षमंगल कारिके॥
हर्षमंगल दक्षे च हर्षमंगल दायिके।
शुभेमंगल दक्षे च शुभेमंगल चंडिके॥
मंगले मंगलार्हे च सर्वमंगल मंगले।
सता मंगल दे देवि सर्वेषां मंगलालये॥
पूज्ये मंगलवारे च मंगलाभिष्ट देवते।
पूज्ये मंगल भूपस्य मनुवंशस्य संततम्॥
मंगला धिस्ठात देवि मंगलाञ्च मंगले।
संसार मंगलाधारे पारे च सर्वकर्मणाम्॥
देव्याश्च मंगलंस्तोत्रं यः श्रृणोति समाहितः।
प्रति मंगलवारे च पूज्ये मंगल सुख-प्रदे॥
तन्मंगलं भवेतस्य न भवेन्तद्-मंगलम्।
वर्धते पुत्र-पौत्रश्च मंगलञ्च दिने-दिने॥
मामरक्ष रक्ष-रक्ष ॐ मंगल मंगले।
इति मंगलागौरी स्तोत्रं सम्पूर्णं
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