Mantra Jaap Niyam: हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की  कृपा पाने के लिए कई मंत्र बताए गए हैं. पर यदि मंत्र जाप सही तरीके से ना किया जाए तो मनोकामनाएं पूरी नहीं होती इस बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अभिषेक मिश्रा का कहना है कि ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मंत्र जाप करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.मंत्रो में बड़ी ताकत होती है और मंत्र जाप करने से व्‍यक्ति की सोच सकारात्‍मक और मजबूत होती है. लेकिन मंत्र जाप के बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण हम कई गलतियां करते हैं, जिसके कारण हमें मंत्र जाप का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है.इसलिए बहुत जरूरी है कि जाप के दौरान इन बातों का विशेष ध्यान रखा जाए.



  • कभी भी बिना स्‍नान किए मंत्र जाप न करें. 

  • हमेशा साफ कपड़े पहनकर मंत्र जाप करें. 

  • जाप हमेशा सुबह के समय करें.सुबह का समय सबसे अच्छा रहता है. 

  • जिस जगह पर बैठकर मंत्र जाप करना है उस जगह को हमेशा स्वच्छ रखें. इस बात का खास ध्यान रखें कि जाप की जगह का माहौल शांत हो ताकि जाप के दौरान आपका मन न भटके.

  • मंत्र जाप कभी भी जमीन पर बैठकर न करें. बल्कि हमेशा आसन पर बैठकर करें.  

  • हमेशा पद्मासन या सुखासन पर बैठ कर जाप करें.जाप के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि कमर से झुकें नहीं. और चेहरे को भी सीधा रखें.

  • साधारण रूप से जाप करने के लिए तुलसी की माला सही है अगर किसी कार्य सिद्धि के लिए जाप कर रहें हैं तो उक्त देवी-देवता के अनुसार ही माला का प्रयोग करें.

  • मंत्र जाप की माला को गौमुखी के अंदर ढंक कर जाप करना सही होता है. 

  • माला हमेशा दाहिने हाथ की उंगलियों पर अंगूठे के पोर से फेरें.

  • माला को घुमाने के लिए अंगूठे और बीच की उंगली का उपयोग करें.

  • जाप की माला नाभि से नीचे ना करें और ना ही नाक के ऊपर करें. सीने से हमेशा 4 अंगुल दूर सामने रखें.

  • जाप करते समय माला नीचे न गिराएं. जमीन पर न रखें, आसन पर या डिब्बी में रखें.  

  • नाखून का स्पर्श माला को न हो, इसकी पूरी सावधानी रखें.इस बात का ध्यान रखें कि जिस समय भी मंत्र जाप करें रोजाना उसी समय पर करें. 

  • मंत्र जाप के दौरान अपने मन में उन देवी-देवता की छवि रखें, जिनके मंत्र का आप जाप कर रहे हैं. 

  • आप शाम को भी मंत्र जाप कर सकते हैं.

  • कभी भी मंत्र जाप का स्‍थान न बदलें. 

  • जिस भी मंत्र का जाप करें, रोजाना उसका कम से कम 108 बार जाप अवश्‍य करें. 


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