Guru purnima : आषाढ़ पूर्णिमा हर साल गुरु पूर्णिमा के तौर मनाई जाती है. इस बार यह 24 जुलाई को पड़ रही है. इस दिन गुरु के साथ आदि गुरु शिवजी और पालनहार विष्णु की पूजा और व्रत के साथ मनाई जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा 23 जुलाई (शुक्रवार) को सुबह 10 बजकर 43 मिनट से शुरू होगी, जो कि 24 जुलाई की सुबह 08 बजकर 06 मिनट पर समाप्त होगी. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन महाभारत के सबसे महान ऋषि और लेखक महर्षि कृष्ण द्वैपायन व्यास, जो वेद व्यास के नाम से अधिक जाने गए, उनका जन्म हुआ. यही वजह है कि आषाढ़ पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा भी कहा गया है. वहीं बौद्ध धर्म के अनुसार आज ही के दिन भगवान गौतम बुद्ध ने 2500 वर्ष पूर्व सारनाथ में पहला उपदेश दिया था.


एक मान्यता ये भी 
हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन श्रद्धालुओं को पीले कपड़े पहनने चाहिए. दान के तौर पर गरीबों को गेहूं, चावल आदि बांटना चाहिए. इस दिन दान को बेहद शुभ माना जाता है. पीपल के नीचे देवी लक्ष्मी की पूजा से धन और समृद्धि मिलती है.


गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्वच्छ पानी से स्नान कर साफ कपड़े पहनें.
- इस मौके पर एक दिन का निराहार उपवास रखने का संकल्प लें
- फूल, अगरबत्ती और तिलक लगाकर भगवान विष्णु की पूजा करें.
- गुरु मंत्रों का जाप करें और सत्यनारायण कथा सुनें
- भगवान विष्णु को प्रसाद चढ़ाएं और आरती कर पूजा पूरी करें.
- गोपाधाम व्रत वालों को गायों की पूजा कर आशीर्वाद लेना चाहिए.


 


इन्हें पढ़ें :


Guru Purunima Upay: गुरु पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय, जीवन में मिलेगी मान-सम्मान


Panchak 2021: जुलाई में कब से आरंभ होगा पंचक, जानें डेट, तिथि और टाइम