Margashirsha Amavasya 2023: 12 दिसंबर को अमावस्या-मंगलवार का योग, पितृ पूजन से दूर होगा बड़े से बड़ा कष्ट, जानें विधि
Margashirsha Amavasya 2023: अमवास्या और मंगलवार का संयोग बहुत खास माना जाता है. 12 दिसंबर को मार्गशीर्ष भौमवती अमावस्या है, इस दिन पितृ पूजन करने से सुख-शांति, धन, समृद्धि में वृद्धि होती है.
![Margashirsha Amavasya 2023: 12 दिसंबर को अमावस्या-मंगलवार का योग, पितृ पूजन से दूर होगा बड़े से बड़ा कष्ट, जानें विधि Margashirsha Amavasya 12 december 2023 pitra pujan muhurat vidhi Mantra Bhaumvati amavasya Margashirsha Amavasya 2023: 12 दिसंबर को अमावस्या-मंगलवार का योग, पितृ पूजन से दूर होगा बड़े से बड़ा कष्ट, जानें विधि](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/28/3f1fc9beb3265b314c730a407ef989e01701148450505499_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Margashirsha Amavasya 2023: 12 दिसंबर 2023 को मार्गशीर्ष माह और इस साल की आखिरी अमावस्या है. मंगलवार को अमावस्या होने से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है, इस योग को भौमवती अमावस्या कहा जाता है.
पितृ पूजन के साथ मंगल ग्रह की शांति के लिए मार्गशीर्ष अमावस्या बहुत खास मानी जा रही है. इस योग में स्नान-दान से रोग और दोष दूर होते हैं, विवाह और वैवाहिक जीवन में खुशियां आती है. आइए जानते हैं मार्गशीर्ष अमावस्या का मुहूर्त, उपाय और पितृ पूजन की विधि.
मार्गशीर्ष अमावस्या 2023 मुहूर्त (Margashirsha Amavasya 2023Muhurat)
पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या 12 दिसंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 24 मिनट से शुरू होगी और 13 दिसंबर 2023 को सुबह 05 बजकर 01 मिनट पर इसका समापन होगा.
- स्नान मुहूर्त - सुबह 05.14 - सुबह 06.09
- पितृ पूजा - सुबह 11.54 - दोपहर 12.35
मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितृ पूजन विधि (Amavasya Pitra oujan vidhi)
अमावस्या के दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में होते हैं. इस तिथि के स्वामी पितर हैं, इसलिए पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए ये दिन बहुत खास है. अमावस्या तिथि के दौरान दिन के आठवें मुहूर्त यानी 11 से 12 बजे के बीच में पितरों की पूजा करने का विधान है. इस वक्त पितरों के लिए तर्पण और धूप देना चाहिए. साथ ही पंचबलि भोग निकालें और ब्राह्मण भोजन कराएं. इसके बाद यथाशक्ति कपड़े, खाना, तिल, गुड़ या नमक का दान करें. मान्यता है इससे पितर खुश होकर परिवार जन को खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं.
मंगल ग्रह की पूजा का खास दिन (Bhaumvati Amavasya Mangal Puja)
साल में मंगलवार और अमावस्या के योग बहुत कम देखने को मिलता है. इसे भौमावस्या कहा जाता है. इस दिन मंगल ग्रह की भात पूजा और हनुमान जी की उपासना करने से रोग खत्म होते हैं, कर्ज से छुटकारा मिलता है. भौमवती अमावस्या भात पूजा में उबले चावल से शिवलिंग का श्रृंगार की जाता है और विधिवत पूजा की जाती है. मंगल की अशुभता से जीवन में पति-पत्नी में तालमेल नहीं बनता, भूमि-भवन से जुड़ी समस्याएं बनी रहती है. रक्त संबंधी बीमारी होने लगती है.
Masik Shivratri 2024 Date: नए साल 2024 में मासिक शिवरात्रि व्रत कब-कब है, जानें पूरे साल की लिस्ट
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)