Margashirsh Amavasya 2021: कब है मार्गशीर्ष माह की अमावस्या 2021? जानें तिथि, मुहूर्त और महत्व
Margashirsh Amavasya 2021: मार्गशीर्ष माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या कहा जाता है. इस माह में पड़ने वाली अमावस्या को अगहन की अमावस्या कहा जाता है.
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Margashirsh Amavasya 2021: हिंदू पंचाग के अनुसार कार्तिक माह के बाद मार्गशीर्ष माह की शुरुआत होती है. हिंदी कैलेंडर के अनुसार ये साल का नौंवा महीना होता है. हर माह किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है. जैसे सावन में शिव जी की पूजा की जाती है, कार्तिक में भगवान विष्णु की अराधना करना लाभकारी होता है. वैसे ही मार्गशीर्ष माह में श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना का विधाव है. मार्गशीर्ष माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या कहा जाता है. मार्गशीर्ष माह को अगहन का महीना भी कहते हैं और इस माह में पड़ने वाली अमावस्या को अगहन की अमावस्या कहा जाता है.
मानयता है कि मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितरों की आत्म तृप्ति के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध आदि कर्म किए जाते हैं. इतना ही नहीं, इस दिन नदी में स्नान और दान का भी विशेष महत्व है. आइए जानते हैं कब है मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि, मुहूर्त और महत्व.
मार्गशीर्ष अमावस्या 2021 तिथि
अमावस्या तिथि का प्रारंभ 03 दिसंबर शाम 04 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 04 दिसंबर दोपहर 01 बजकर 12 मिनट पर समापन होगा. उदया तिथि 04 दिसंबर दिन शनिवार को होने के कारण मार्गशीर्ष अमावस्या उस दिन ही है.
सुकर्मा योग में मार्गशीर्ष अमावस्या 2021
ज्योतिषियों के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या 2021 के दिन सुबह 08 बजकर 41 मिनट तक सुकर्मा योग है. सुकर्मा योग को मांगलिक कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है. ऐसे में इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या सुकर्मा योग में पड़ रही है.
मार्गशीर्ष अमावस्या 2021 का पंचांग
राहुकाल: सुबह 09 बजकर 35 मिनट से सुबह 10 बजकर 53 मिनट तक.
अभिजित मुहूर्त: दिन में 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक.
विजय मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से दोपहर 02 बजकर 37 मिनट तक.
अमृत काल: 04 दिसंबर को रात 12 बजकर 06 मिनट से देर रात 01 बजकर 29 मिनट तक.
सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 59 मिनट पर.
सूर्यास्त: शाम 05 बजकर 24 मिनट पर.
चंद्रोदय: इस दिन इसका समय प्राप्त नहीं है.
चन्द्रास्त: शाम 05 बजकर 26 मिनट तक.
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